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जानिए, कैसे दूर हुई नितिन पटेल की नाराजगी

नितिन पटेल ने कहा कि कांग्रेस का आॅफर राजनीति से प्रेरित था।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 31 Dec 2017 12:46 PM (IST)Updated: Sun, 31 Dec 2017 03:04 PM (IST)
जानिए, कैसे दूर हुई नितिन पटेल की नाराजगी

शत्रुघ्न शर्मा, गांधीनगर। साल के आखिरी दिन गुजरात के सियासी ड्रामे का रविवार सुबह अमित शाह के एक फोन ने सुखद अंत ला दिया। दिग्गज पाटीदार नेता नितिन पटेल ने उपमुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण कर लिया तथा मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से मिलने उनके बंगले पहुंचे। नितिन ने आलाकमान का धन्यवाद देते हुए कहा कि भाजपा के विशवास को और मजबूत करेंगे।

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गुजरात सरकार में वित्त, शहरी विकास व पेट्रोकेमिकल विभाग छिन जाने से नाराज नितिन ने रविवार सुबह आलाकमान के आश्वासन के बाद स्वर्णिम संकुल जाकर दफ्तर में ही मां उमिया की पूजा कर पदभार ग्रहण कर लिया। शाह ने उन्हें गरिमा के अनुकूल मंत्रालय दिए जाने का भरोसा दिया है।

इस बीच, नितिन ने बीते 48 घंटे में सियासी संकट में उन्हें मिले तमाम आॅफर नकारते हुए कहा कि वे भाजपा से अलग होने की बात सोच भी नहीं सकते। उन्होंने कांग्रेस पर सियासी संकट का लाभ उठाने का भी आरोप जडा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का आॅफर राजनीति से प्रेरित था। नितिन ने अपने काम से भाजपा आलाकमान का दिल जीतने का दावा करते हुए कहा कि खराब से खराब हालात में भी वे भाजपा से अलग होने की बात नहीं सोच सकते हैं, भाजपा में हूं और रहूंगा। उन्होंने कहा आज तक जितने सीएम के साथ काम किया पूरी लगन, निष्ठा, विवेक व अनुशासन में रहकर काम किया,इस सरकार में भी वह दूध में शक्कर की तरह मिलकर काम करेंगे।

नितिन ने मुख्यमंत्री विजय रुपाणी तथा अन्य किसी मंत्री से कोई मतभेद होने से साफ इनकार किया। वे बोले की यह नाराजगी सत्ता के लिए नहीं आत्म सम्मान की थी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी उसकी गरिमा के अनुकूल उनहें विभाग नहीं दिए गए।

नितिन भाजपा में सामान्य कार्यकर्ता व विधायक के रूप में रहने को भी तैयार थे लेकिन आलाकमान ने उनकी महत्ता को देखते हुए इस सियासी संकट का हल तुरंत ढूंढने के लिए अपने तीन आला मंत्री भूपेंद्रसिंह चूडास्मा, कौशिक पटेल व प्रदीपसिंह जाडेजा को लगा दिया, बाकी रहा सहा काम शाह के रविवार सुबह साढे सात बजे नितिन पटेल को आए फोन ने कर दिया। समर्थकों ने नितिन भाई का मूंह मीठा कराया, पदभार ग्रहण करने के बाद नितिन ने कहा कि शपथग्रहण के बाद तुरंत उनहोंने काम शुरु कर दिया था, विधिवत रूप से आज पद संभाल रहे हैं।

भाजपा के सांसद के इस बयान से नाराज हुए शिक्षक 

भाजपा के सांसद के सी पटेल ने कांग्रेस को वोट देने वाले शिक्षकों की खबर लेने की बात कही है। राज्य सरकार के मंत्री रमण पाटकर के सम्मान समारोह में मंत्री बोले की शिक्षकों को वेतन सरकार देती है और वो वोट कांग्रेस कोदेते हैं। 

गुजरात सरकार में पहली बार मंत्री बने रमण पाटकर के सम्मान समारोह में डांग के भाजपा सांसद के सी पटेल ने कहा कि चुनाव के दौरान शिक्षकों ने कांग्रेस को वोट डाला है, ऐसा उनकी जानकारी में आया है अब कार्यकर्ता उनकी खबर लें। अपने अपने इलाकों में जाकर ऐसे शिक्षकों के काम काज का ब्यौरा तैयार करें कि इन शिक्षकों का रिकार्ड कैसा है। सांसद के इस बयान से शिक्षक वर्ग में नाराजगी है।


नितिन पटेल की नाराजगी से पाटीदारों की नई लामबंदी

गुजरात में विभागों के बंटवारे से नाराज चल रहे उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने दूसरे दिन शनिवार को भी अपना कार्यभार नहीं संभाला। उनकी इस नाराजगी से 'पाटीदार सम्मान' के नाम पर लामबंदी की नई सियासत शुरू हो गई है। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के नेता हार्दिक पटेल इस 'असंतोष' को भुनाने की कोशिश में लग गए। उन्होंने नितिन पटेल को दस विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल होने तथा 'योग्य' पद पाने की पेशकश की है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ विधायक वीरजी ठुम्मर ने कहा है कि नितिन पटेल 10-15 विधायकों को लेकर एक नया गुट बनाकर कांग्रेस के बाहरी समर्थन से नई सरकार बनाएं।

एक अन्य पाटीदार नेता लालजी पटेल ने नितिन पटेल के समर्थन में एक जनवरी को मेहसाणा बंद का आह्वान किया है। नितिन पटेल मेहसाणा से विधायक हैं। ये पटेल नेता समर्थन में इस बीच, मुख्यमंत्री विजय रपानी ने समूचे घटनाक्रम पर चुप्पी साध ली है। लेकिन वरिष्ठ भाजपा नेता सुरेंद्र पटेल शनिवार को नितिन से मिलने पहुंचे। भाजपा के पूर्व मंत्री नरोत्तम पटेल, भाजपा प्रवासी प्रकोष्ठ के नेता सीके पटेल, मेहसाणा भाजपा के जिलाध्यक्ष कौशिक व्यास, मेहसाणा के कांग्रेस नेता किरीट पटेल, पूर्व भाजपा विधायक प्रागजी पटेल, पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के पति प्रो. मफतभाई पटेल भी उनके समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने भाजपा पर पाटीदारों की एकता तोड़ने का आरोप लगाया है।

जानिए, क्या हैं नाराजगी के कारण

पिछली सरकार में नितिन पटेल के पास वित्त, शहरी विकास तथा पेट्रोकेमिकल जैसे अहम विभाग थे। लेकिन इस बार उन्हें सड़क व भवन निर्माण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मेडिकल शिक्षा, नर्मदा, कल्पसर और राजधानी योजना जैसे विभाग आवंटित किए गए हैं। शहरी विकास विभाग मुख्यमंत्री ने अपने पास रखा है, जबकि वित्त विभाग सौरभ पटेल को दिया गया है। इस कारण गुरवार देर शाम विभाग बंटवारे के बाद मीडिया ब्रीफिंग में ही नितिन पटेल नाराज दिखे तथा चुप्पी साधे रहे। वह वहां से जल्दी चले भी गए थे।

..तो कांग्रेस से बात करेंगे हार्दिक

ताजा घटनाक्रम के संबंध में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि यदि उपमुख्यमंत्री भाजपा छोड़ने को तैयार हों तो वह कांग्रेस से उन्हें 'योग्य' पद देने की बात कर सकते हैं। हार्दिक ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 'अनुभवी नेता नितिनभाई (पटेल) ने 27 साल तक कड़ी मेहनत की ताकि पार्टी (भाजपा) सत्ता में बनी रहे। समुदाय के लोगों को अब यह समझने की जरूरत है कि ऐसे नेताओं को भी दरकिनार किया जा रहा है। मैं उनसे इस पर विचार करने को कह रहा हूं कि इतनी कड़ी मेहनत के बावजूद उन्हें सम्मान क्यों नहीं दिया जा रहा है।'

कांग्रेस के प्रति बने सद्भाव पर चोट नहीं चाहती पार्टी लेकिन कांग्रेस नितिन पटेल पर हार्दिक पटेल के इस सियासी दांव को फिलहाल गंभीर नहीं मान रही। पार्टी सूत्रों ने साफ किया है कि गुजरात चुनाव नतीजों को स्वीकार करने के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान के मद्देनजर पार्टी अभी ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी, जिससे सूबे में राहुल और कांग्रेस के लिए बने सद्भाव को आघात लगे।

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