सत्ताधारी दल के विधायकों को अपशब्द कहने पर विधानसभा में दूसरे दिन भी हंगामा
विधानसभा प्रश्नकाल के समाप्त होते ही सदन में कांग्रेस विधायक आशाबेन पटेल के दो दिन के निलंबन व उनकी ओर से सदन में बोले गए अपशब्द को लेकर चर्चा शुरु हो गई।
गांधीनगर। विधानसभा में सत्ताधारी दल के विधायकों को अपशब्द कहने पर दूसरे दिन भी हंगामा मचा। स्पीकर राजेन्द्र त्रिवेदी ने कांग्रेस विधायक आशाबेन पटेल से माफी मांगने को कहा तो सुश्री पटेल ने साफ मना कर दिया। हालांकि नेता विपक्ष परेश धनानी ने बीच रास्ता निकाल गतिरोध तोडऩे की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके लेकिन त्रिवेदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को सदन में पेश नहीं हो सका।
गुजरात विधानसभा नव नियुक्त अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी शायद देश के पहले अध्यक्ष होंगे जिन्हें चुने जाने के दस दिन के भीतर ही अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है, फिलहाल प्रस्ताव अध्यक्ष ने अपने पास रोक लिया है लेकिन विपक्ष के इस प्रस्ताव पर अड़े रहने पर दो सप्ताह बाद उसे सदन में पेश करना पड़ सकता है।
होली के पर्व पर गुरुवार सुबह विधानसभा प्रश्नकाल के समाप्त होते ही सदन में कांग्रेस विधायक आशाबेन पटेल के दो दिन के निलंबन व उनकी ओर से सदन में बोले गए अपशब्द को लेकर चर्चा शुरु हो गई। कांग्रेस जहां अपनी विधायक का निलंबन रद्द कराने का दबाव अध्यक्ष त्रिवेदी पर बना रहे थे वहीं अध्यक्ष ने कहा कि सदन की कार्यवाही स्थगित हो जाए इसका अर्थ यह नहीं है कि सदन के सदस्य यहां कुछ भी बोल दें।
सदन से निलंबन के बाद विधायक आशा पटेल जाते जाते जो बोलकर गईं ऐसी बात बाहर भी बोली जाए तो खूनखराबा हो जाए। इससे नाराज कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष पर महिला के अपमान का आरोप जड दिया। उधर विधायक ने कहा है कि उन्हें दो दिन क्या पूरे साल के लिए भी सदन से निलंबित कर दें तो वे माफी नहीं मांगेंगी। बहरहाल कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव पर अडी है आने वाले दिनों में सरकार व विपक्ष के बीच गतिरोध बढऩे की संभावना है।