सूरत अग्निकांड में बड़ा खुलासा, प्रधान सचिव ने सौंपी रिपोर्ट
Surat Fire Case. गुजरात के सूरत अग्निकांड के लिए वहां लगे फ्लेक्स बैनर अधिक खतरनाक साबित हुए।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात के सूरत में बहुमंजिला इमारत में भीषण अग्निकांड के लिए वहां लगे फ्लेक्स बैनर अधिक खतरनाक साबित हुए। एसी कंप्रेशर में शॉर्ट सर्किट के कारण फ्लेक्स में आग लगी। चौथी मंजिल पर बने अवैध डॉम शैड तक यह आग पहुंची, जहां दो टीचर व 20 बच्चे काल का ग्रास बन गए।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सोमवार को सूरत अग्निकांड को लेकर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव मुकेश पुरी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी। पुरी ने पत्रकारों को बताया कि शुक्रवार को सूरत के सरथाणा में तक्षशिला इमारत में लगी आग के लिए इमारत के पीछे प्रथम मंजिल पर लगा एसी कंप्रेशर जिम्मेदार है। उसमें शॉर्ट सर्किट के कारण फ्लैक्स बैनर ने आग पकड़ ली। चौथे मंजिल से लेकर नीचे ग्राउंड तक लगे फ्लैक्स के चलते आग चंद सेकेंड में चौथे फ्लोर तक पहुंच गई।
पुरी ने बताया कि सूरत महानगर पालिका से तक्षशिला को तीसरी मंजिल तक का ही प्लान मंजूर था, चौथा मंजिल गैरकानूनी तरीके से चल रहा था। अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए गत माह सरकार के आदेश के बावजूद यह निर्माण नहीं हटाया, जिसकी जांच हो रही है। महानगर पालिका के दो अधिकारी पहले ही सस्पेंड किए जा चुके हैं।
प्रधान सचिव पुरी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि छत पर दो सीढी थी, लेकिन एक सीढी का दरवाजा बंद रखा हुआ था। इमारत के टॉप फ्लोर पर सात फीट ऊंचे डोम में आर्ट, डिजाइन व आर्किटेक्चर की क्लासेज चलती थी। ऊंचाई कम होने के कारण यहां कुर्सी के बजाए बैठने के लिए टायर रखे हुए थे। जब फ्लैक्स से आग ऊपर शैड तक पहुंची तो तेजी से आग व धुआं फैल गया, तब तीसरे मंजिल से एक युवक ने आकर बताया कि सीढी से नहीं उतरा जा सकता तो अधिकांश बच्चे भवन के सामने की ओर भागे और डर के मारे चौथी मंजिल से ही नीचे कूदने लगे।
पुरी ने कहा कि हाइराइज इमारत में आपदा प्रबंधन के लिए सूरत के पास दो हाईड्रोलिक सीढी वाले वाहन हैं, लेकिन वे समय पर वहां नहीं पहुंच सकी। अब 50 से 70 मीटर ऊंचाई तक की सीढ़ी पर भी विचार हो रहा है। साथ ही, एक शहर में कैसे और कितने साधन चाहिए इसका अध्ययन किया जा रहा है।
सूरत की घटना के बाद सरकार की ओर से 11550 इमारतों की जांच की गई, जहां कोचिंग, ट्यूशन क्लासेज, होटल, रेस्टोरेंट, स्कूल कॉलेज आदि चल रहे थे। अहमदाबाद की एपल हॉस्पिटल का ओपीडी सील किया है, एचसीजी हॉस्पिटल को फायर एनओसी के लिए सात दिन का समय दिया है, वहीं रतन हॉस्पिटल के टॉप फ्लोर को हटाया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
-सरकार बनाऐगी संवेदनशील इमारतों की निगेटिव लिस्ट
-फायर ब्रिगेड के कम्युनिकेशन सिस्टम को दुरुस्त करेगी
-नीचे से ऊपर आग पहुंचने के लिए फ्लैक्स जिम्मेदार
-एसी कंप्रेशन में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी आग
-इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में आग के कारणों की जांच
-चौथा मंजिल गैरकानूनी तरीके से चल रहा था
-बिना मौका देखे अफसरों ने दी बीयू परमिशन
-सूरत फायर ब्रिगेड के पास 10 मीटर तक की ही सीढ़ी
-सरकार अब 50 से 70 मीटर तक की हाइड्रोलिक सीढ़ी मंगाएगी
-महानगरपालिका के अफसरों ने घूस लेकर की अनदेखी।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप