आनलाइन गेम 'पबजी' खेलने पर गुजरात में 12 गिरफ्तार, इन कारणों से लगाया प्रतिबंध
playing pubg in Rajkot. गुजरात में पबजी गेम खेलते 12 युवक गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें छह कालेज के छात्र हैं।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात के राजकोट में प्रतिबंधित आनलाइन गेम 'पबजी' खेलने के आरोप में पिछले दो दिनों में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें छह कालेज के छात्र हैं।
राजकोट के पुलिस आयुक्त मनोज अग्रवाल ने छह मार्च को एक निर्देश जारी करते हुए आनलाइन गेम 'प्लेयर अननोन्स बैटलग्राउंड्स (पबजी)' तथा 'मोमो चैलेंज' खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया है। राजकोट तालुका के पुलिस निरीक्षक वीएस वंजारा ने बाताया, 'हमारी टीम ने मंगलवार को जगन्नाथ चौक इलाके के कलावड रोड से मोबाइल फोन पर पबजी खेल रहे छह कालेज छात्रों को गिरफ्तार किया। इसी मामले में एक निजी कंपनी के कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया गया।'
एक बयान में बताया गया कि बुधवार को राजकोट पुलिस के विशेष अभियान समूह ने शहर के अलग-अलग हिस्सों से तीन लोगों को मोबाइल फोन पर 'पबजी' खेलते हुए गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि सभी 10 आरोपितों को आइपीसी की धारा 188 (लोक सेवक के आदेश का उल्लंघन) के तहत गिरफ्तार किया गया और बाद में थाने से ही जमानत पर उन्हें छोड़ दिया गया।
अहमदाबाद में पबजी गेम पर प्रतिबंध लगा
सूरत, राजकोट के बाद अब अहमदाबाद में भी पबजी और मेमो चैलेंजर गेम खेलने पर प्रतिबंध लगाया गया है।अहमदाबाद पुलिस आयुक्त एके सिंह ने इस संबंध में एक सरक्युलर जारी कर बताया कि इस प्रकार के गेम खेलने से बच्चों की पढ़ाई पर विपरित असर पड़ रहा है। उनका भविष्य अंधकार में जा रहा है। इस प्रकार के गेम खेलने के कारण बच्चों को दिमाग पर बुरा असर पड़ रहा है तथा युवकों में हिंसा की प्रवृति भी आ जाती है। इसकी की गंभीरता के मद्देनजर इस पबजी और मेमो चैलेंजर गेम पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इन कारणों से लगाया गया प्रतिबंध
आनलाइन गेम 'पबजी' तथा 'मोमो चैलेंज' खेलने पर प्रतिबंध लगाने के पीछे राजकोट के पुलिस आयुक्त ने तर्क दिया था कि इससे बच्चों और युवाओं में हिंसा की प्रवृत्ति बढ़ रही है। इससे बच्चों की पढ़ाई, व्यवहार, आचरण और भाषा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त ने भी इन्हीं कारणों का हवाला देते हुए बुधवार को इन गेम पर प्रतिबंध लगा दिया।
खतरनाक हैं 'पबजी' व 'मोमो चैलेंज'
आनलाइन गेम 'पबजी' में एक छद्म युद्धक्षेत्र है। इसमें हिस्सा लेने वाले खिलाडि़यों को खुद को जिंदा रखने और गेम जीतने के लिए दूसरों को मारना पड़ता है। हिंसक प्रवृत्ति के इस गेम का असर बच्चों, किशोरों और यहां तक कि वयस्कों पर भी काफी गहरा हो जाता है। 'मोमो चैलेंज' गेम वाट्सएप के जरिये प्रसारित होता है। इसमें एक डरावनी शक्ल की महिला का मैसेज आता है और वह बच्चे को अपना मोबाइल नंबर मोमो नाम से सेव करने को कहती है। इसके बाद वह बच्चों को उल्टा-सीधा टास्क देने लगती है और ऐसा न करने पर उन्हें या उनके परिवारजन को जान से मारने की धमकी देने लगती है।