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गुजरात में ट्रिपल तलाक के बाद महिला ने किया आत्महत्या का प्रयास Ahmedabad News

Triple Talaq in Ahmedabad. गुजरात के अहमदाबाद में एक महिला ने कथित तौर पर पति द्वारा ट्रिपल तालक दिए जाने के बाद आत्महत्या का प्रयास किया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 04:06 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 06:41 PM (IST)
गुजरात में ट्रिपल तलाक के बाद महिला ने किया आत्महत्या का प्रयास Ahmedabad News
गुजरात में ट्रिपल तलाक के बाद महिला ने किया आत्महत्या का प्रयास Ahmedabad News

अहमदाबाद, जेएनएन। तीन तलाक के खिलाफ संसद में कानून बनने के तुरंत बाद महानगर में एक युवक ने पत्‍नी को पीहर से रुपये नहीं लाने पर तलाक दे दिया। पत्‍नी ने बुधवार सुबह आत्‍महत्‍या का प्रयास किया। पीड़िता की शिकायत पर पति व ससुराल वालों गिरफ्तार किया गया है। 

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अहमदाबाद की पीड़िता सना बानू का पति बार-बार उस पर अपने पीहर से रुपये लाने का दबाव डालता था। सना की दो पुत्रियां हैं, जबकि उसके ससुराल वालों को लड़का चाहिए था। इस बात को लेकर भी वे सना से खुश नहीं थे। सना महानगर की पॉश रिलीफ रोड की पारस गली की रहने वाली है। वर्ष 2015 में उसका वि‍वाह मेहबुब हुसैन शेख से हुआ था। मेहबूब बेरोजगार है और अक्‍सर सना पर अपने पिता से पैसे लाने का दबाव डालता था। एक-दो बार पैसे लाने के बाद भी वह पैसों को लेकर तंग करता था। सना को दो लड़कियां होने से भी मेहबूब व उसके परिवार वाले खुश नहीं थे।

मंगलवार शाम को पैसों की बात को लेकर मेहबूब ने सना के साथ मारपीट की तथा गुस्‍से में तीन तलाक भी दे दिया। प्रताड़ना से परेशान होकर सना ने सुबह पहले जहर खा लिया तथा बाद में खुद पर केरोसिन छिड़ककर आग भी लगा ली। उसका अहमदाबाद सिविल हॉस्‍पीटल परिसर में बने एसवीपी अस्‍पताल में उपचार चल रहा है।

उधर, कारंज पुलिस ने पीडिता की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर पति मेहबूब शेख, उसके देवर-देवरानी, ननद को हिरासत में ले लिया है। सभी आरोपितों पर प्रताड़ना, दहेज की मांग व आत्‍महत्‍या के दुष्‍प्रेरण का मामला दर्ज किया है। तीन तलाक का नया कानून इस मामले में लागू नहीं होगा। चूंकि राष्‍ट्रपति की मंजूरी के बाद ही संसद की ओर से पारित विधेयक कानून बन पाएगा।

गौरतलब है कि मुस्लिम महिलाओं के लिए अभिशाप बने तत्काल तीन तलाक पर प्रतिबंध संबंधी विधेयक को राज्यसभा ने मंगलवार को पारित कर सामाजिक बदलाव की दिशा में इतिहास रच दिया। विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद राज्यसभा में तत्काल तीन तलाक विधेयक 84 के मुकाबले 99 वोटों से पारित हो गया। लोकसभा के बाद राज्यसभा से विधेयक को मिली मंजूरी ने तत्काल तीन तलाक के खिलाफ नए सख्त कानून का रास्ता साफ कर दिया है। मोदी सरकार ने इस विधेयक को राज्यसभा से पारित कराकर इस सदन में भी हफ्तेभर में दूसरी बार विपक्ष को बड़ी सियासी मात दे दी। राजग सहयोगी जदयू ने वोटिंग का बहिष्कार किया तो बीजद ने समर्थन। जबकि टीआरएस, टीडीपी, बसपा से लेकर वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों ने वोटिंग से अनुपस्थित रहकर बिल पारित कराने की राह आसान कर दी।

राज्यसभा में 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2019' पर करीब छह घंटे हुई चर्चा के बाद तमाम संशोधनों को खारिज करते हुए सदन ने बहुमत से विधेयक पारित कर दिया। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि 55 साल पहले सती प्रथा के खिलाफ कानून, हिंदू विवाह कानून में संशोधन के साथ 1961 में दहेज प्रथा के खिलाफ प्रगतिशील कानून बनाने वाली कांग्रेस तत्काल तीन तलाक विधेयक का विरोध कर रही है।

1983 में दहेज विरोधी कानून में संशोधन कर इसे भी गैरजमानती बनाया गया। हिंदू महिलाओं से जुड़े कानूनों में भी दो से लेकर सात साल की सजा का प्रावधान किया गया मगर तब तो इसका विरोध नहीं किया गया बल्कि कांग्रेस सरकार के तब के इन अच्छे कामों के लिए हम अभिनंदन करते हैं। लेकिन मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के इस विधेयक पर कांग्रेस का रवैया पीड़ादायक है।

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