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गुजरात के अशांतधारा कानून को मंजूरी: दंगा, अशांति फैला नहीं हड़प सकेंगे संपत्ति

गुजरात विधानसभा ( Gujarat assembly) के पिछले मानसून सत्र में पारित अशांत धारा कानून-2020 पर राष्‍ट्रपति कोविंद ने मुहर लगा दी है। इस कानून का उल्‍लंघन करने पर 3 से 5 साल की सजा तथा जुर्माने का भी प्रावधान है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 08:19 AM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 08:19 AM (IST)
गुजरात के अशांतधारा कानून को मंजूरी: दंगा, अशांति फैला नहीं हड़प सकेंगे संपत्ति
गुजरात के अशांतधारा कानून को राष्‍ट्रपति कोविंद की मंजूरी

अहमदाबाद, शत्रुघ्‍न शर्मा। गुजरात में अब वर्ग विशेष के लोग किसी इलाके में दंगा व अशांति फैलाकर दूसरे समुदाय के लोगों की जमीन, मकान अन्‍य अचल संपत्ति को औने पौने दाम पर कब्‍जा नहीं सकेंगे। राज्‍य सरकार के अशांत धारा कानून को राष्‍ट्रपति कोविंद ने मंजूर कर लिया है। विधानसभा के पिछले मानसून सत्र में पारित अशांत धारा कानून-2020 पर राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को मंजूरी की मुहर लगा दी है।

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गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने बताया कि अगस्‍त 20 में गुजरात विधानसभा के मानसून सत्र में पारित अशांतधारा कानून के तहत राज्‍य के अशांत, दंगाग्रस्‍त अथवा संवेदनशील घोषित क्षेत्रों में जमीन, संपत्ति व अन्‍य अचल संपत्ति का मा‍लिकाना हक स्‍थानांतरण तथा किरायेदार से घर व दुकान खाली नहीं कराई जा सकेगी। जिला कलेक्‍टर की मंजूरी के बाद ही इन अशांत व संवेदनशील क्षेत्रों में किसी अचल संपत्ति का हस्‍तांतरण हो सकेगा। इस कानून का उल्‍लंघन होने पर 3 से 5 साल की सजा तथा एक लाख अथवा संपत्ति के राजस्‍व कर का 10 फीसदी जुर्माना लगेगा।

 जाडेजा ने बताया कि किसी क्षेत्र को अशांत क्षेत्र घोषित करने के लिए सरकार एक मॉनिटरिंग एंड एडवाइजरी कमेटी तथा स्‍पेशल इन्‍वेस्‍टीगेशन टीम का गठन करेगी जो ऐसे क्षेत्र व उसके आसपास के 500 मीटर तक के क्षेत्र को अशांत घोषित कर सकेगी। इस कानून से राज्‍य में सामाजिक समरसता, शांति बनी रहेगी साथ ही ऐसे क्षेत्रों में रह रहे परिवार व किरायेदारों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी। दंगा, हिंसा व कौमी उपद्रव फैलाकर एक वर्ग विशेष ध्रुवीकरण कर दूसरे समुदाय के लोगों की जमीन, मकान व अन्‍य संपत्ति को औने पौने दाम पर  

बेचकर चल जाने को मजबूर नहीं कर सकेगा। जिला कलेक्‍टर की मंजूरी की बाद ही इन इलाकों में कोई संपत्ति हस्‍तांतरित होगी, कलेक्‍टर के निर्णय पर किसी को आपत्ति हो तो उसकी अपील की जा सकेगी। इस कानून से अवैध दस्‍तावेजों के माध्‍यम से जमीन संपत्ति आदि का हस्‍तांतरण भी रुकेगा तथा सामाजिक संतुलन को बनाये रखने में मदद मिलेगी।


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