पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को दी श्रद्धांजलि
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद में गुजरात भाजपा ने मंगलवार को सर्वदलीय प्रार्थना सभा व बुधवार को अस्थि कलश यात्रा का आयोजन किया है।
अहमदाबाद, जेएनएन। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सर्वदलीय प्रार्थना सभा में भाजपा व कांग्रेस के नेताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। दिल्ली में हुई एेतिहासिक शोकसभा में भी कांग्रेस सहित सभी दलों ने शामिल होकर भारतीय राजनीति की परिपक्तता का परिचय दिया था। राज्यपाल ओमप्रकाश कोहली, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, नेता विपक्ष परेश धनाणी व तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित भाजपा के छोटे-बड़े सभी नेता व कार्यकर्ता इस सभा में मौजूद थे।
वाजपेयी की याद में गुजरात भाजपा ने मंगलवार को सर्वदलीय प्रार्थना सभा व बुधवार को अस्थि कलश यात्रा का आयोजन किया है। जीएमडीसी मैदान के यूनिवर्सिटी कन्वेंशन हॉल में मंगलवार को अपने लोकप्रिय नेता को श्रद्धांजलि देने को हर छोटा-बड़ा नेता व कार्यकर्ता पहुंचे। राज्यपाल ओपी कोहली, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, मनसुख मांडविया के अलावा तीन पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल, शंकर सिंह वाघेला व सुरेश मेहता ने भी यहां पहुंचकर वाजपेयी को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
राज्यपाल कोहली ने एक वाकया सुनाया कि जब वे अटल जी किसी विषय पर चर्चा करने पहुंचे तो उन्होंने अपने हाथ से खाना परोसकर कहा पहले खाना खा लो बातें बाद में करेंगे। मुख्यमंत्री रूपाणी ने कहा कि वाजपेयी ने भारतीय राजनीति को नई सोच व दिशा दी। गठबंधन की राजनीति वाजपेयी की ही देन है, यह इसीलिए सफल हुई चूंकि उनमें नेतृत्व की क्षमता थी। परमाण परीक्षण हो या कारगिल युद्ध अटलजी ने दुनिया को भारत का लोहा मनवा दिया था। अटलजी सही अर्थ में ह्रदय सम्राट थे। बांग्लादेश से युद्ध के समय उन्होंने सरकार का साथ देते हुए कहा था कि अभी दो ही दल हैं एक हिंदुस्तान व दूसरा बांग्लादेश। अटलजी ने इंदिरा गांधी को जहां दुर्गा के समान कहा था तो इंदिरा ने भी वाजपेयी को संसद की शोभा बताया था।
पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई ने वाजपेयी के कुशल संगठक बताते हुए कहा कि देश व राज्यों में जनसंघ का संगठन बनाने के बाद एक-एक शहर में अटलजी लोगों को इससे जोड़ने के लिए खुद पहुंचे। गुजरात में राजकोट से जूनागढ़ तथा जूनागढ़ से भावनगर जाने के लिए उन्होंने ठसाठस भरी ट्रेन के तीसरे दर्जे में यात्रा करने से भी कभी आनाकानी नहीं की। कार्यकर्ता ने जो टिकट लाकर दिया, उसी क्लास में बैठकर दिन-रात दौड़-भाग कर संगठन को खड़ा किया। कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावडा ने जहां शोकसंदेश भेजकर जहां अटलजी को भारतीय राजनीति का अजातशत्रु बताया, वहीं नेता विपक्ष परेश धनाणी ने कहा कि वाजपेयी ने राजनीति में संवाद - मूल्यों को अपनाया व विरोधी विचारधारा का भी सम्मान का उदाहरण पेश किया।
कांग्रेस के साथ वाजपेयी के संबंध में हमेशा मधुर व लोकतांत्रिक रहे उसका प्रमुख कारण था उनमें विपक्ष के प्रति सम्मान का भाव होना। भाजपा अध्यक्ष जीतूभाई वाघाणी बुधवार को खाडिया से वाजपेयी का अस्थिकलश लेकर निकलेंगे, साबरमती में उनकी अस्थियों का विसर्जन होगा तथा राजकोट, वडोदरा, सूरत आदि शहरों में भी अस्थिकलश यात्रा निकालेंगे।