तैयार हुए सबसे विराट सरदार स्टेच्यू ऑफ युनिटी, पीएम मोदी 31 को करेंगे उद्घाटन
लौहपुरुष सरदार पटेल की दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ युनिटी बनकर तैयार है। इसके निर्माण में 250 इंजीनियर व करीब 4 हजार श्रमिकों ने 42 माह तक मेहनत का इसे अंजाम दिया।
अहमदाबाद,शत्रुघ्न शर्मा। लौहपुरुष सरदार पटेल की दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ युनिटी बनकर तैयार है। विंध्याचल व सतपुडा की पहाडियों के बीच साधुबेट टापू पर बनी दुनिया की सबसे ऊंची 182 मीटर ऊंची मूर्ति का निर्माण 42 माह के रिकार्ड समय में हुआ है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसका उद्घाटन वे सरदार जयंती पर 31 अक्टूबर को करेंगे।
नर्मदा नदी की कल कल लहरों के बीच में टापू पर बनी यह प्रतिमा अमरीका की स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी 90 मीटर तथा चीन के स्प्रिंग बुद्वा 128 मीटर से भी बडी है। सात मंजिला इमारत के बराबर ऊंची यह प्रतिमा 85 फीट लंबे पैरों पर खडी है तथा इसके होंठ की मोटाई भी एक आदमी की लंबाई करीब 6 फीट है। जैकेट के बटन सात मंजिला भवन के बराबर में फैले हैं। 19 हजार 700 वर्ग मीटर में फैले इस प्रोजेक्ट के साथ करीब 17 किलोमीटर लंबे तट पर फूलों की घाटी तैयार की गई है जो पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र होगी।
पर्यटक लिफ्ट के जरिए सरदार के ह्रदय तक पहुंच सकेंगे, 153 मीटर लंबी गैलेरी से एक साथ दो सौ पर्यटक प्रतिमा को निहार सकेंगे। प्रतिमा के निर्माण में 70000 टन सीमेंट,22500 टन स्टील व 1700 मैट्रिक टन तांबा लगा है। प्रतिमा भूकंप रोधी है जो 6,5 तीव्रता के भूकंप को सहन कर सकती है तथा 220 किमी प्रति घंटा की तेज हवाओं को सहन कर सकती है। चार धातुओं से मिलकर बनी इस प्रतिमा को जंग छू भी नहीं सकेगा, इसके निर्माण में 85 प्रतिशत तांबा का उपयोग किया गया है।
वरिष्ठ शिल्पकार पद्मश्री राम सुथार व उनके पुत्र अनिल ने प्रतिमा का डिजाइन व निर्माण में अहम भूमिका निभाई है। गुजरात में बनी सरदार पटेल की विविध प्रतिमाओं को देखकर सरदार को आम आदमी के दिल में बसे सरदार का लुक देने के लिए भारत से लेकर चाइना तक के इंजीनियर व शिल्पकारों ने मशक्कत की।
अहमदाबाद एयरपोर्ट पर बनी सरदार पटेल की प्रतिमा को सरदार के व्यक्तित्व के करीब पाकर उस डिजाइन पर ही इसका निर्माण शुरु हुआ, गौरतलब है कि एयरपोर्ट पर बनी प्रतिमा के निर्माण में तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री व एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल का अहम योगदान था।
अमेरिकी आर्किटेक्ट माइकल ग्रेस व टनल एसोसिएट्स ने भारत भर में शोध करने के बाद स्टेच्यू ऑफ युनिटी का फाइनल मॉडल तैयार किया। प्रधानमंत्री मोदी की नजर शुरु से अंत तक इस प्रोजेक्ट पर बनी रही है चूंकि प्रतिमा के निर्माण की घोषणा खुद मोदी ने की थी। इसके निर्माण में 250 इंजीनियर व करीब 4 हजार श्रमिकों ने 42 माह तक मेहनत का इसे अंजाम दिया।