सूरत अग्निकांड: आठ दिन पहले ही आ जाता टर्न टेबल लेडर तो बच जाती 22 छात्रों की जान
सूरत अग्निकांड के बाद वहां की महानगरपालिका ने ऐसे हादसों में फंसे लोगों को बचाने के लिए टर्न टेबल लेडर मंगवाया इस आधुनिक उपकरण की कीमत आठ करोड़ रूपये है।
अहमदाबाद, [जागरण स्पेशल] सूरत के कोचिंग संस्थान में हुए अग्निकांड में 22 छात्रों की मौत के बाद सूरत महानगर पालिका ने अगले ही दिन 55 मीटर की ऊंचाई का टर्न टेबल लेडर मंगा लिया। रविवार को महानगर पालिका ने इस लेडर को मंगाया। मालूम हो कि बीते सप्ताह ही सूरत के सरथाणा में हुए अग्निकांड में चौथी मंजिल पर आग लगने से वहां फंसे 22 छात्रों की मौत हो गई थी। आग से बचने के लिए कई छात्रों ने चौथी मंजिल से सीधे नीचे छलांग लगा दी थी जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार फायर विभाग का यह आधुनिक उपकरण कानूनी प्रक्रिया के कारण आठ दिन पहले से ही मुंबई बंदरगाह पर पड़ा था। इसे पहली जून के बाद ही सूरत लाया जाना था। परन्तु दुर्घटना के बाद सूरत महानगरपालिका ने इसे कल ही मंगा लिया। फायर ब्रिगेड ने एक वर्ष पूर्व इसका आर्डर दिया था। आठ करोड़ रूपये मूल्य का यह उपकरण जर्मनी से मंगवाया गया है।
सूरत महानगपालिका ने इमारत की ऊपरी मंजिलों पर लगने वाली आग से बचाव के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण मंगवाया है। इस उपकरण का उपयोग किस तरह से किया जाएगा उसकी जानकारी देने के लिए महानगर पालिका ने जर्मनी के विशेषज्ञों की टीम भी बुलाई है। जर्मनी से सूरत आकर विशेषज्ञों की टीम मनपा कर्मियों को प्रशिक्षित करेगी।
सूरत महानगरपालिका ने इस उपकरण का आर्डर नवम्बर 2017 में दे दिया था। आवश्यक परीक्षणों के बाद इसे मार्च 2019 में सूरत के लिए रवाना किया था। राज्य में इस प्रकार का उपकरण और कहीं नहीं है। इस अत्याधुनिक सीढ़ी को आवश्यकतानुसार 360 डिग्री तक रोटेट किया जा सकता है। अब 55 मीटर ऊंचाई पर फंसे लोगों को इस आधुनिक सीढ़ी के जरिए बचाया जा सकेगा। यहां सैकड़ों इमारतें तो इस तरह की बनी हुई है मगर आग से बचाव के लिए यहां कोई उपाय नहीं था। अब इस सीढ़ी के आ जाने के बाद फायर ब्रिगेड की टीमों को ऊपर की मंजिल पर आग लगने पर वहां से लोगों को निकालने में सहूलियत हो जाएगी।
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