गुजरात सरकार से फिर दो-दो हाथ करने के मूड में हार्दिक पटेल
भाजपा विधायक के कार्यालय में आगजनी मामले में हार्दिक को दो साल की सजा सुनाई गई है, जिस पर रोक के लिए हाई कोर्ट में याचिका लंबित है।
राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। आरक्षण की मांग को लेकर की गई पाटीदार महारैली की तीसरी वर्षगांठ पर हार्दिक पटेल ने 25 अगस्त से आमरण अनशन की घोषणा की है। इसीलिए एक हजार समर्थकों को रविवार को अहमदाबाद बुलाया है। इसकी मंजूरी तो नहीं दी गई है, लेकिन सरकार जानकारों की मदद ले रही हैं कि क्या आमरण अनशन के एलान पर कोई कानूनी कार्यवाही संभव है।
दरअसल, अगले साल लोकसभा चुनाव को देखते भाजपा सरकार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। पाटीदार महारैली में तीन साल पहले पुलिस ने जो कार्यवाही की थी उसके चलते पाटीदार सरकार से नाराज हैं। भाजपा विधायक के कार्यालय में आगजनी मामले में हार्दिक को दो साल की सजा सुनाई गई है, जिस पर रोक के लिए हाई कोर्ट में याचिका लंबित है।
सरकार इसे खारिज कराना चाहती है वहीं हार्दिक भी झुकने के मूड में नहीं हैं। सजा के एलान के तुरंत बाद आमरण अनशन का एलान कर नया दांव चल दिया है। वहीं शुक्रवार को पाटीदार नेताओं ने अहमदाबाद कलेक्टर, महानगर पालिका आयुक्त आदि से मिलकर उपवास के लिए उसी जीएमडीसी मैदान की मांग की है जहां तीन साल पहले महारैली हुई थी।