इशरत मुठभेड़ मामले में पूर्व आइपीएस डीजी वंजारा और एनके अमीन आरोप मुक्त
Ishrat Jahan fake encounter. सीबीआई कोर्ट ने इशरत जहां फर्जी मुठभेड मामले में गुजरात के पूर्व आइपीएस डीजी वंजारा व पूर्व एसपी एनके अमीन को आरोपों से मुक्त कर दिया है।
अहमदाबाद, जेएनएन। सीबीआइ की विशेष अदालत ने वीरवार को इशरत जहां फर्जी मुठभेड मामले में गुजरात के पूर्व आइपीएस डीजी वंजारा व पूर्व एसपी एनके अमीन को बड़ी राहत देते हुए आरोपों से मुक्त कर दिया है।
राज्य के पूर्व आइपीएस वंजारा व पूर्व एसपी अमीन ने सीबीआइ की विशेष अदालत में एक अर्जी दाखिल कर इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में उनके खिलाफ दर्ज शिकायत को रद करने की मांग की थी। उन्होंने अदालत को बताया कि मुंबई की 19 वर्षीय कॉलेज छात्रा इशरत जहां व उसके तीन साथी प्रणेश पिल्लै उर्फ जावेद शेख, अमजद अली राणा व जिशान जौहर पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा की फिदायीन दस्ते की सदस्य थे। ये सभी गुजरात के तत्कालीन मुख्यामंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने के इरादे से गुजरात आए, लेकिन पुलिस को इसकी भनक लगने के बाद 15 जून, 2004 को एक मुठभेड़ में मारे गए।
कई साल जेल में रहने के बाद वंजारा व अमीन को इस मामले में जमानत पर छोड़ दिया गया था, लेकिन उन्होंने अहमदाबाद में सीबीआइ की विशेष अदालतके समक्ष एक अर्जी दाखिल कर आरोपों से मुक्ति करने की मांग की थी। गुजरात सरकार ने भी इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ इशरत जहां मामले में कार्रवाई की मंजूरी नहीं दी, जिसके बाद सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश जेके पंड्या ने 15-15 हजार के बांड पर जमानत देते हुए सभी आरोपों से मुक्त कर दिया।
न्यायाधीश पंड्या ने कहा कि दोनों अधिकारियों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 197 के तहत कार्रवाई आगे नहीं बढ़ाई जा सकती है। गुरुवार दोपहर ठीक 12 बजे जज पंड्या ने यह फैसला सुनाया।
वंजारा व अमीन के लिए यह बड़ी राहत है। वंजारा ने इस फैसले के लिए अदालत का धन्यवाद किया।
उधर, पीड़ित पक्ष के वकील अमजद पठान ने कहा कि सरकार ने केस चलाने की मंजूरी नहीं दी। सीबीआइ ने जो सबूत अदालत के समक्ष पेश किए, उन्हीं के आधार पर उन्हों ने दोनों आरोपितों को मुक्त कर दिया। इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे, ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके।