Gujarat: शंकर सिंह वाघेला ने रूपाणी सरकार को शराबबंदी पर पुनर्विचार करने की दी सलाह
Shankar Singh Vaghela. शंकर सिंह वाघेला का आरोप है कि युवा देशी व घटिया शराब पीकर जान दे रहे हैं और सरकार हजारों करोड़ का राजस्व गंवा रही है।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Shankar Singh Vaghela. गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के गुजरात अध्यक्ष शंकर सिंह वाघेला ने राज्य सरकार को शराबबंदी पर पुनर्विचार करने की सलाह दी है। वाघेला का आरोप है कि युवा देशी व घटिया शराब पीकर जान दे रहे हैं और सरकार हजारों करोड़ का राजस्व गंवा रही है। इससे बेहतर है यह ढोंग छोड़कर शराब बिक्री की व्यवहारिक नीति बनाए।
प्रदेश के वयोव्रद्ध नेता वाघेला राजनीतिक, सामाजिक व धार्मिक किसी भी मंच पर सरकार को घेरने का मौका नहीं छोड़ते हैं। लॉकडाउन के दौरान राज्य में कई जगह पर शराब तस्करी व अवैध शराब बिक्री की घटनाओं के बाद वाघेला ने सीधे मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को अब शराबबंदी का ढोंग बंद कर देना चाहिए।
राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व दमन और दीव में शराब बिक्री की छूट है, इसलिए गुजरात के लोग बड़ी संख्या में आबू, मुंबई, दमन और दीव व सीमावर्ती इलाकों में जाकर शराब का सेवन करते हैं। वाघेला का कहना है कि गुजरात सरकार को इससे हजारों करोड़ रुपयों का राजस्व का घाटा हो रहा है और लोग अंडर द टेबल शराबबंदी के नाम पर मोटी रकम कमा रहे हैं। वाघेला का आरोप है कि राज्य में बड़ी संख्या में बुटलेगर व शराब की अवैध हेराफेरी करने वालों का गिरोह काम कर रहा है, जो असामाजिक तत्वों का एक गठजोड़ है।
एनसीपी नेता ने गुजरात सरकार को सलाह दी है कि राज्य के वरिष्ठ गांधीवादी नेताओं का एक समूह बनाकर राज्य में लागू शराबबंदी पर चर्चा करनी चाहिए। कोरोना महामारी के बाद दुनिया में कई उद्योग बंद हो सकते हैं। गुजरात में शराबबंदी का रूप कैसा हो तथा शराबबंदी ऐसी लागू हो कि शराब की सुगंध भी नहीं मिले।
गौरतलब है कि वाघेला गुजरात की राजनीति की धुरी रहे हैं। भाजपा से कांग्रेस व अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का दामन थामे हुए हैं, लेकिन राज्य से जुड़े सामाजिक व राजनीतिक मुद्दों पर हमेश आवाज बुलंद करते रहे हैं।