'पैसे लेकर किसी का काम कभी मत करना' पहली बार मुख्यमंत्री बनने पर हीराबा ने दी थी मोदी को सीख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबा मोदी नहीं रही। शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए यह जानकारी दी गई। पीएम ने अपने पोस्ट में लिखा शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम। पीएम मोदी अहदाबाद के लिए रवाना हो चुके हैं।
अहमदाबाद, गुजरात। आज तड़के सुबह करीब साढ़े तीन बजे प्रधानमंत्री की मां हीराबा का निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर अपनी मां के निधन पर दुख जताया है। हीराबा का जन्म 18 जून 1923 को हुआ था। उनका विवाह कम उम्र में दामोदरदास मूलचंदभाई मोदी से हुआ था। दामोदरदास मोदी के वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचा करते थे। दामोदरदास मोदी का बीमारी के कारण निधन हो गया। बाद में वे अपने बेटे पंकज मोदी के घर गांधीनगर के सेक्टर 22 स्थित जी टाइप सरकारी क्वार्टर में रहने लगे। जिसके बाद साल 2015-16 में वे अपने बेटे पंकज मोदी के साथ रायसन स्थित वृंदावन बंगले में रहने लगे।
हीराबा के हैं 5 बेटे और 1 बेटी
सोमा मोदी, सेवानिवृत्त स्वास्थ्य विभाग अधिकारी
पंकज मोदी, गुजरात सूचना विभाग के अधिकारी
अमृत मोदी, सेवानिवृत्त लेथ मशीन ऑपरेटर
सस्ते अनाज के व्यापारी प्रह्लाद मोदी
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
वसंतीबेन हसमुखभाई मोदी
प्रधानमंत्री जी और माता हीराबा से जुड़ी कुछ यादें
जब प्रधानमंत्री पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो हीराबा ने उनसे कहा कि वह किसी से एक रुपया नहीं लेंगे। 2014 में, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने नरेंद्र मोदी की मां हीराबा को एक साड़ी दी, बदले में नरेंद्र मोदी ने नवाज शरीफ की मां को एक शॉल दिया। 2016 में हीराबा ने प्रधानमंत्री के दिल्ली रेस कोर्स हाउस का दौरा किया। 2019 में, वह 99 वर्ष की आयु में उन्होंने लोकसभा चुनाव में मतदान किया।
जून में प्रधानमंत्री मोदी ने हीराबा के पैर धोकर और आशीर्वाद लेकर उनकी 100वां जन्मदिन मनाया था। साथ ही 4 दिसंबर 2022 को रात 9 बजे प्रधानमंत्री ने माता हीराबा के दर्शन किए और उनका आशीर्वाद लिया।
5 जून, 2019 को प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर ने हीराबा को गुजराती में एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने लिखा, "आपके बेटे और मेरे बड़े भाई नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनने के लिए बधाई। मैं पहली बार गुजराती में पत्र लिख रहा हूं। कोई गलती हो तो क्षमा करें।
नोटबंदी के दौरान भी हीराबा लाइन में खड़े होकर नोटों का आदान-प्रदान किया करती थीं। कोरोना काल में कोरोना वॉरियर्स का उत्साह बढ़ाने के लिए थाली बजाई गई। पीएम ने 25 हजार रुपये कोविड फंड में दिए। 5 अगस्त 2022 को हर घर झंडा राम मंदिर के भूमि पूजन को माता हीराबा ने लाइव देखा था।