Hanuman Janmotsav 2022: पीएम नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मोरबी में किया 108 फीट ऊंची हनुमान जी की प्रतिमा का अनावरण
Hanuman Janmotsav 2022 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मोरबी में 108 फीट ऊंची हनुमान जी की प्रतिमा का अनावरण करते हुए श्री राम कथा में उपस्थित महिला पुरुषों को वर्चुअल संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा एक भारत श्रेष्ठ भारत में हनुमान जी का महत्व रहा है।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि हनुमान जी की भक्ति सेवा और समर्पण का श्रेष्ठ उदाहरण है। राम कथा देश को जोड़ती है रामलीला में भगवान हनुमान का व्यक्तित्व सेवा भाव को उच्च स्थान तक पहुंचाने का है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मोरबी में 108 फीट ऊंची हनुमान जी की प्रतिमा का अनावरण किया। प्रधानमंत्री ने मोरबी में आयोजित श्री राम कथा में उपस्थित महिला पुरुषों को वर्चुअल संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि राम ने सक्षम होते हुए भी सब कुछ करने का सामर्थ्य होते हुए भी सभी लोगों का तथा हर तबके के लोगों को अपने साथ जोड़ कर लंका विजय के अभियान को पूरा किया जो सबका साथ सबका प्रयास का एक श्रेष्ठ उदाहरण है।
एक भारत श्रेष्ठ भारत में हनुमान जी का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केसवानंद बापू की तपोभूमि उन्हें हमेशा से प्रेरणा देती आई है सौराष्ट्र संत शूरवीर एवं दानदाताओं की भूमि रही है उनका इस जगह से खास जुड़ाव रहा है केसवानंद बापू से उनका मिलना होता था जब मोरबी में मच्छु डैम का हादसा हुआ तब उनका आश्रम सामाजिक गतिविधि का केंद्र बन गया था। एक भारत श्रेष्ठ भारत में हनुमान जी का महत्व रहा है हनुमान जी से हमें हमेशा प्रेरणा मिलती रही है एकजुट रहने की हमारी संस्कृति ही हमारा सबसे बड़ा महत्व है।
गुजरात का हस्तशिल्प प्रेम
प्रधानमंत्री मोदी माधवपुर मेले का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के कई हस्तशिल्प कलाकार वहां अपना सामान बेचने आए जिसके बाद उन्होंने अपना अनुभव उनको बताया कि यह उनके लिए एक अच्छा उदाहरण रहा उससे गुजरात का हस्तशिल्प प्रेम तो उजागर होता ही है साथ ही पश्चिम में पूर्वोत्तर का एक रिश्ता भी बनता है। दुनिया के देशों में आज मोरबी के प्रोडक्ट पहुंच रहे हैं गुजरात में जहां देखो आस्था के कई प्रयोजन चल रहे हैं। गुजरात में धार्मिक पर्यटन के लिए हर साल लाखों लोग आते हैं हनुमान जी की यह आध्यात्मिक भूमि एक आकर्षण का केंद्र रही है। कच्छ रण उत्सव के लिए जाने वाले व्यक्ति भी मोरबी होकर ही गुजरते हैं जिससे यहां के स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल रहा है