PM Modi Gujarat Visit: गांवों के विकास में महिलाओं की अहम भूमिका: पीएम मोदी
Gujarat पीएम मोदी ने गुजरात में करीब 54 प्रतिशत महिला जनप्रतिनिधि होने पर खुशी जताते हुए कहा कि गांवों के विकास और लोकतंत्र को मजबूत करने में महिलाओं की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि देश के लिए गुजरात की पंचायतें विकास की मिसाल बनकर उभरें।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के सवा लाख ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से गांवों को साफ, सशक्त और समर्थ बनाने की अपील की। राज्य में करीब 54 प्रतिशत महिला जनप्रतिनिधि होने पर खुशी जताते हुए मोदी ने कहा कि गांवों के विकास और लोकतंत्र को मजबूत करने में महिलाओं की बड़ी भूमिका है। शुक्रवार को जीएमडीसी मैदान पर पंचायत जनप्रतिनिधि सम्मेलन में मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी का ग्राम स्वराज का सपना था, जिसे हमें पूरा करना चाहिए। आजादी के 75 साल का उत्सव अगस्त 2023 तक चलेगा। सरपंच, पंच, पालिका सदस्य इस बात का संकल्प करें कि आजादी के आंदोलन में स्वतंत्रता सेनानियों ने जो सपना लेकर भाग लिया तथा अपना बलिदान दिया, उसे पूरा करना है। देश के लिए गुजरात की पंचायतें विकास की मिसाल बनकर उभरें।
पंचायती राज में महिलाओं का आरक्षण 50 प्रतिशत है। लेकिन गुजरात की पंचायत, पालिकाओं में 54 प्रतिशत महिला जनप्रतिनिधि होने पर मोदी ने खुशी जताई। गौरतलब है कि हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में महिलाओं का मत प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा। भाजपा की जीत का श्रेय खुद मोदी महिलाओं को दे चुके हैं। ऐसे में गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा महिलाओं की बड़ी भूमिका मानकर चल रही है। मोदी ने कहा कि महिलाओं में कार्य के प्रति कुशलता होती है। गांवों में बदलाव लाने में उनका बड़ा योगदान है। उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्व काल को याद करते हुए कहा कि मध्य गुजरात की एक पंचायत की महिला सदस्य उनसे मिलने गांधीनगर पहुंची। महिला सदस्य ने उनसे कहा कि गांव में एक भी परिवार गरीब नहीं रहे, अब उनका यही संकल्प है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह बात उन्हें आज भी याद है तथा प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके काम भी आई। महामारी को याद करते हुए मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया पर कोविड कहर बरपा रहा था। लेकिन गांव वालों की जागरूकता के कारण गांव तक पहुंचते पहुंचते वह भी हांफ गया। मोदी ने समरस ग्राम पंचायत का उल्लेख करते हुए कहा कि विनोबा भावे के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने गुजरात में यह प्रयोग किया, जो काफी सफल रहा। विनोबाजी कहते थे कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव बिना कड़वाहट हो जाते हैं, लेकिन गांवों में चुनाव के कारण दुश्मनी तक हो जाती है। इसलिए सहमति से समरस पंचायतें होनी चाहिए।