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गुजरात चुनाव को लेकर बिछने लगी बिसात

राजनीतिक दलों की ओर से दिसंबर के गुजरात विधानसभा चुनाव का ताना बाना अभी से बुना जाना शुरू हो गया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 03:04 AM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 03:19 AM (IST)
गुजरात चुनाव को लेकर बिछने लगी बिसात
गुजरात चुनाव को लेकर बिछने लगी बिसात

अहमदाबाद [ शत्रुघ्न शर्मा ]। राजनीतिक दलों की ओर से दिसंबर के गुजरात विधानसभा चुनाव का ताना बाना अभी से बुना जाना शुरू हो गया है। जिसके तहत इस बार के गुजरात चुनाव में प्रचार का मोर्चा भाजपा के 14 मुख्यमंत्री संभालेंगे। वैसे तो गुजरात का सीएम होने के नाते चुनाव विजय रुपानी को आगे करके लड़ा जाएगा। लेकिन इसके स्टार कैंपेनर पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ होंगे। भाजपा विकास के मुददे पर मैदान में जाऐगी साथ ही हिंदुत्व के मुद्दे को भी आगे रखा जाऐगा।

गुजरात में बीते डेढ वर्ष से चले रहे पाटीदार, दलित, ओबीसी आंदोलनों के चलते भाजपा के कोर वोट बैंक में सेंध लग चुकी है, ऐसे में भाजपा विकास मिश्रित हिंदुत्व के एजेंडे को आगे रखकर इन सभी धड़ों पर पार पाकर यूपी जैसी जीत दर्ज करना चाहेगी। वहीं कांग्रेस की ओर से स्टार कैंपेनर अमरिंदर सिंह होंगे। अमरिंदर कांग्रेस के ऐसे नेता हैं, जिन्होंने कांग्रेस को पंजाब में उस वक्त जीत दर्ज करायी, जब कांग्रेस सभी राज्यों में एक के बाद एक चुनाव हार रही थी। अमरिंदर सिंह अकेले ऐसे सीएम होंगे जिन्होंने वर्ष 2002 में भी पंजाब के सीएम रहते हुए गुजरात में कांग्रेस पार्टी के लिए चुनाव प्रचार किया था।

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15 वर्ष पहले वाली स्थिति में गुजरात-

गुजरात चुनाव की यह स्थिति ठीक 15 वर्ष पहले के वर्ष 2002 के गुजरात विधानसभा चुनाव के जैसी हो गयी है। वर्ष 2002 के गुजरात विधासनसभा चुनाव के वक्त देश के 14 राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी। ऐसे में गुजरात चुनाव के दौरान कांग्रेस के सभी 14 मुख्यमंत्रियों ने यहां चुनाव प्रचार किया। ठीक 15 साल पहले वाली स्थिति भाजपा के लिए इस समय गुजरात में पैदा हो गयी है। इस बार के गुजरात चुनाव में भाजपा के 14 राज्यों के सीएम प्रचार करेंगे। पिछले चुनावों के इतर इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी भी मैदान में उतर रही है। हालांकि आप पार्टी की जिस तरह से पंजाब और गोवा में हार हुयी है। ऐसे में गुजरात में उनके हौसले ढ़ीले पड़ गये हैं।

भाजपा के लिए गुजरात चुनाव की जीत के मायने-

वर्ष 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव भाजपा पार्टी के लिए के लिए एक बड़ा प्रयोग होगा। भाजपा की ओर से योगी आदित्यनाथ को स्टार कैंपेनर बनाने से साफ हैं, कि भाजपा बिना ऐलान किये हिंदूवादी एजेंडे के तहत चुनाव लड़ेगी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जीतूभाई वाघाणी ने खुद इसके संकेत दिए हैं। अगर इस रणनीति पर चलकर पार्टी चुनाव जीतने में सफल हो जाती है, तो पार्टी इसी एजेंड़े के तहत वर्ष 2019 लोक सभा चुनाव पर चुनाव लड़ेगी।


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