मेरी लड़ाई महात्मा गांधी के विचारों को बचाने की: मीरा कुमार
देश में कुछ लोग संकीर्णता व असहिष्णुता फैला रहे हैं। उनका यह बयान प्रधानमंत्री मोदी के तथाकथित गोरक्षकों को दी गई नसीहत के ठीक बाद आया है।
शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। राष्ट्रपति चुनाव लड़ रही विपक्ष की उम्मीदवार और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा है कि राष्ट्रपति चुनाव को दलित बनाम दलित के रूप में प्रचारित करने से लोगों के चेहरे से नकाब उतर गया है। राष्ट्रपति पद के लिए पहले भी चुनाव हुए लेकिन जाति के बजाय उनकी योग्यता, अनुभव की ही चर्चा हुई। उन्होंने कहा यह विचारधारा की लड़ाई है।
देश में कुछ लोग संकीर्णता व असहिष्णुता फैला रहे हैं। उनका यह बयान प्रधानमंत्री मोदी के तथाकथित गोरक्षकों को दी गई नसीहत के ठीक बाद आया है। कांग्रेस सहित 17 दलों की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाई गईं मीरा कुमार ने शुक्रवार को साबरमती आश्रम में गांधीजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके अपने प्रचार की शुरुआत की। उन्होंने कहा महात्मा गांधी के विचारों की रक्षा के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी। कुछ लोगों पर देश में संकीर्णता, कट्टरता व असहिष्णुता फैलाने का आरोप लगाया। गौरतलब है कि गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों को जमकर लताड़ा था।
इस चुनाव में लोग दलित बनाम दलित को मुद्दा बना रहे हैं जिससे उन्हें तकलीफ हुई। उनका कहना है कि 2017 में भी लोग किसी की योग्यता, गुण, अनुभव व उपलब्धि के बजाय जातिगत तुलना कर रहे हैं। मीरा कुमार ने कहा कि दुनिया में कहीं नस्लभेद होता तो हम उसकी निंदा करते लेकिन हमारे ही देश में चर्चा जातिगत आधार पर हो रही है। उन्होंने खुशी भी जताई कि इससे कई चेहरों का नकाब उतर गया।
मीरा कुमार ने कहा कि वे गांधी विचारों के साथ देश में लोकतांत्रिक मूल्य, सामाजिक सौहार्द, पारदर्शिता, प्रेस की आजादी, अभिव्यक्ति की आजादी, गरीबी के अंत व जाति व्यवस्था के विनाश के लिए संघर्ष करती रहेंगी। राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने वालों से उन्होंने अंतरात्मा पर वोट देने की अपील के साथ कहा कि उन्हें इतिहास रचने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि वे अपने इस चुनाव में पूर्व उपप्रधानमंत्री एवं पिता जगजीवन राम की सेवाओं का जिक्र कर कोई लाभ उठाने का प्रयास नहीं करेंगी। पिता ने देश की सेवा की और उन्हें इसके बदले कुछ नहीं चाहिए।
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