इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामला, वंजारा व अन्य ने आरोप मुक्ति की अर्जी दी
इशरत जहां फर्जी मुठभेड मामले में सीबीआई गुजरात के तत्कालीन सीएम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व अमित शाह को गिरफ्तार करने आई थी लेकिन सौभाग्य से ऐसा नहीं हुआ।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। इशरत जहां फर्जी मुठभेड मामले में सीबीआई गुजरात के तत्कालीन सीएम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व अमित शाह को गिरफ्तार करने आई थी लेकिन सौभाग्य से ऐसा नहीं हुआ। मुठभेड के आरोपी पूर्व डीआईजी वंजारा के वकील वी डी गज्जर ने सीबीआई कोर्ट के समक्ष मंगलवार को यह खुलासा किया। वंजारा व दो अन्य आरोपी पुलिस अधिकारियों ने आरोप मुक्ति की अर्जी अदालत के समक्ष लगाई थी जिस पर संभवत: 15 जून को फैसला आ सकता है।
इशरत जहां फर्जी मुठभेड मामले में आरोप से मुक्ति की पूर्व डीआईडी डी जी वणजारा की अर्जी पर सुनवाई के दौरान वंजारा के वकील वी डी गज्जर ने अदालत को बताया कि सीबीआई इस मुठभेड कांड में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को िगरफ्तार करने आई थी लेकिन सौभाग्य से ऐसा नहीं कर सकी।
विशेष सीबीआई अदालत के जज जे के पंड्या के समक्ष वंजारा के वकील ने गुजरात की तत्कालीन सुरक्षा व्यवसथा, तत्कालीन सीएम मोदी की जान लेने पर आमादा आतंकी साजिशों का उल्लेख करते हुए बताया कि वणजारा राज्य व नागरिकों की सुरक्षा के लिए तैनात थे, उन्हें इस मामले में फंसाया गया है इसलिए उन्हें इसके आरोपों से मुक् किया जाए। रिटायर एसपी एन के अमीन ने भी अदालत के समक्ष डिस्चार्ज अर्जी दाखिल की है जिस पर सुनवाई पूरी हो चुकी है।
गौरतलब है कि 15 जून 2004 को गुजरात पुलिस ने मुंबई की कॉलेज छात्रा इशरत जहां, उसके पति जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्ले तथा दो पाकिस्तानी युवक जिशान जौहर व अमजद अली को एक मुठभेड में मार गिराया था। एसआईटी की जांच में यह मुठभेड फर्जी निकली जिसके बाद वणजारा व अन्य आरोपियों की धरपकड की गई थी।
पूर्व एसपी अमीन ने बताया कि पूर्व पुलिस महानिदेशक पी पी पांडे को अदालत ने इस मामले में आरोप मुक्त कर दिया है, इसलिए उन्हें भी इस मामले में आरोप मुक्त कर दिया जाए।