अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। भारत में अब पहली बार बिना रक्त के हृदय का प्रत्यारोपण संभव होगा। मरीज व स्वजन को रक्त की चिंता से मुक्त करने के साथ ही हृदय प्रत्यारोपण को अधिक सफल बनाने के लिए वेरफेन कंपनी अहमदाबाद के मरेंगो सिम्स अस्पताल को तकनीकी सहायता प्रदान करेगी। मरेंगो सिम्स तथा वेरफेन कंपनी के संयुक्त प्रयास से हृदय प्रत्यारोपण की यह आधुनिक तकनीक गुजरात में उपलब्ध होगी।
बाद में भुज, दिल्ली और फरीदाबाद के अस्पताल में भी इसे किया जाएगा शुरू
मरेंगो एशिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक डा. राजीव सिंघल बताते हैं कि अहमदाबाद के अस्पताल में इस आधुनिक तकनीक से बिना रक्त के हृदय प्रत्यारोपण की शीघ्र शुरुआत होगी। बाद में भुज, दिल्ली, फरीदाबाद के अस्पताल में भी इसे शुरू किया जाएगा। हृदय, फेफड़े प्रत्यारोपण प्रोजेक्ट के निदेशक डा. धीरेन शाह का कहना है कि इस तकनीक के जरिये हृदय प्रत्यारोपण करने से मरीज दीर्घायु होंगे।
सामान्य हार्ट ट्रांसप्लांट में दुष्प्रभाव की 20 प्रतिशत आशंका
सामान्य हार्ट ट्रांसप्लांट में दुष्प्रभाव की 20 प्रतिशत आशंका रहती है। डा. शाह बताते हैं कि रक्त ट्रांसफ्यूजन भी अपने आप में एक प्रत्यारोपण है। इसमें भी मानव शरीर पर 10 से 20 प्रतिशत विपरीत प्रभाव की आशंका होती है। इसलिए, खून के बिना हृदय प्रत्यारोपण एक अच्छा विकल्प है।
वेरफेन के भारत एवं दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय निदेशक अनुराग मिश्र बताते हैं कि वेरफेन आइसीयू ब्लड गैस टेस्ट एनालाइजर, मेडिकल उपकरण और हार्ट ट्रांसप्लांट तकनीक की वितरक कंपनी है। डा. क्लास गोर्लिंगर बताते हैं कि भारत में लीवर ट्रांसप्लांट रक्त के बिना हो रहे हैं लेकिन रक्त के बिना हार्ट ट्रांसप्लांट की यह पहली शुरुआत है।
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