Gujarat: हार्दिक पटेल ने अपने ट्विटर बायो से हटाया कांग्रेस का नाम, हाथ का साथ छोड़ भाजपा या आप में हो सकते हैं शामिल
Hardik Patel गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने ट्विटर बायो से कांग्रेस व कार्यकारी अध्यक्ष का पद नाम हटा दिया है। हार्दिक के कांग्रेस छोड़ने की अटकलें हैं उनका भाजपा व आम आदमी पार्टी में जाने का विकल्प खुला है।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे हैं। अपने ट्विटर बायो से अब हार्दिक ने कांग्रेस का नाम व पद भी हटा दिया है। कांग्रेस विधायकों का एक समूह भी पार्टी से नाराज है। उत्तर गुजरात के तीन विधायकों के भाजपा में जाने की अटकलें हैं। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल बीते कुछ समय से कांग्रेस के प्रदेश नेताओं से नाराजगी की बात खुलकर रख रहे हैं। केंद्रीय आलाकमान को इससे अवगत करा चुके हैं, लेकिन उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया। हार्दिक इंटरनेट मीडिया पर अपने फोटो व डीपी के जरिए संकेत देते रहते हैं। अब ट्विटर हैंडल पर अपनी पार्टी कांग्रेस व कार्यकारी अध्यक्ष का पद नाम हटा दिया है। हार्दिक के कांग्रेस छोड़ने की अटकलें हैं, उनका भाजपा व आम आदमी पार्टी (आप) में जाने का विकल्प खुला है, लेकिन प्रदेश भाजपा ने हार्दिक को लेकर कोई उत्सुकता नहीं दिखाई, जबकि आप उनके स्वागत को तैयार है।
कई विधायक भी नाराज हैं कांग्रेस से
गुजरात कांग्रेस में अध्यक्ष पद पर जगदीश ठाकोर व नेता विपक्ष पद पर सुखराम राठवा की नियुक्ति के बाद से कई वरिष्ठ विधायकों में भी नाराजगी उभरी है। उत्तर गुजरात के तीन विधायक अश्विन कोटवाल, चंदनजी ठाकोर, किरीट पटेल समेत सौराष्ट्र के भी कुछ विधायकों के पार्टी से नाराज होने की खबर है। विधायक कोटवाल व कांग्रेस के दिवंगत विधायक अनिल जोशीयारा के पुत्र केवल जोशीयारा मंगलवार को भाजपा में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस में एक बड़ा समूह पार्टी के प्रदेश नेताओं से नाराज है। कुछ परिवारों के पार्टी में वर्चस्व के चलते जमीन से जुड़े नेता सत्ताधारी दल से जुड़कर अपने क्षेत्र में अधिक विकास कार्य कराने की गरज से भाजपा में जाने को तैयार हैं।
नरेश पटेल से मिले भाजपा विधायक
पाटीदार नेता व खोडलधाम ट्रस्ट के मुखिया नरेश पटेल से सोमवार को भाजपा के चार विधायक शशिकांत पंड्या, अरविंद पटेल, जगदीश पटेल व वल्लभ काकडिया ने खोडलधाम पहुंचकर मुलाकात की। दोनों पक्ष ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया है, लेकिन इसके कुछ और ही मतलब निकाले जा रहे हैं। नरेश पटेल कुछ समय से सक्रिय राजनीति में आने के इच्छुक हैं। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें थीं, लेकिन अब इस पर विराम लग गया।