पाटीदार नेता हार्दिक पटेल लड़ेंगे लोकसभा चुनाव
Hardik Patel. पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल सौराष्ट्र के अमरेली से लोकसभा या ऊंझा से विधानसभा उपचुनाव लड़ सकते हैं।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल अब चुनावी राजनीति करने को तैयार हैं। उनके सौराष्ट्र के अमरेली से लोकसभा या ऊंझा से विधानसभा उपचुनाव लड़ने की संभावना है। चुनाव लड़ने के एलान के साथ ही हार्दिक के साथी पाटीदार नेता दिनेश बामणिया ने उन पर पलटवार करते हुए उनके इस प्रयास को समाज के साथ द्रोह बताया है, जबकि कांग्रेस विधायक ललित वसोया ने उनके फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस का न्यौता भी दे दिया है।
किसान क्रांति सेना के बैनर तले किसानों की कर्जमाफी व फसल बीमा की मांग को लेकर देशभर में आवाज बुलंद कर रहे हार्दिक पटेल ने करीब चार साल के आंदोलन की राह को छोड़कर अब चुनावी राजनीति में आने के संकेत दिए हैं। हार्दिक 2019 का लोकसभा चुनाव सौराष्ट्र की अमरेली सीट से लड़ सकते हैं, कडवा पाटीदार बहुल सीट होने के अलावा यह गुजरात विधानसभा में नेता विपक्ष परेश धनाणी का भी गृह जिला है। हार्दिक ने खुद धनाणी को इस पद पर बिठाने का पुरजोर समर्थन किया था। हार्दिक अब तक भाजपा को छोड़कर सभी दलों के नेता व समर्थकों से मिलते रहे हैं, लेकिन चुनाव किस पार्टी के टिकट पर लड़ते हैं, इस परसबकी निगाहें टिकी हैं।
शिवसेना, समाजवादी पार्टी, तणमूल कांग्रेस या निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस को लेकर हार्दिक का सॉफ्ट कार्नर रहा है, लेकिन साथ ही वे यह भी कहते हैं कि गांधी परिवार ने देश के लिए खूब बलिदान दिया है, इसलिए इस परिवार से मोहब्बत है लेकिन उनके हर मुद्दे को समर्थन नहीं करता। पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मनमानी पर हार्दिक कहते हैं कि गुजरात में भाजपा सरकार भी ऐसा ही कर रही है, इसलिए जैसे के साथ तैसा हो रहा है। अधिक संभावना है कि हार्दिक कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय चुनाव लड़ें। चूंकि इससे पहले दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने भी इसी तरह चुनाव लड़ा था।
पाटीदार महिला नेता गीता पटेल बताती हैं कि हार्दिक के ऊंझा सीट से विधानसभा उपचुनाव लड़ने की चर्चा है। गुजरात की राजनीति में सक्रिय रहने के लिए हार्दिक उपचुनाव के जरिए विधानसभा पहुंचकर सक्रिय रूप से राज्य में काम करना चाहेंगे, ताकि भविष्य में उनको सीधा राजनीतिक लाभ हो सके। हार्दिक के राजनीति में आने के एलान के साथ ही उनके पूर्व साथी दिनेश बामणिया ने उन पर समाज के साथ द्रोह करने का आरोप लगाया है।
दिेनेश ने कहा कि पहले आरक्षण आंदोलन और किसान आंदोलन के बहाने हार्दिक अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरी कर रहे हैं, जिससे समाज को नुकसान हो रहा है। कांग्रेस नेता ललित वसोया ने कहा कि युवाओं को राजनीति में आना चाहिए। वसोया ने हार्दिक को कांग्रेस का न्यौता भी दिया है। उनका कहना है कि राज्य में दो ही राजनीतिक पार्टी हैं, भाजपा को हराने के लिए हार्दिक को कांग्रेस के साथ आना चाहिए।