Ganesh Chaturthi 2020: गुजरात के सीएम रुपाणी की अनूठी पहल, 'प्लान ए प्लांट विथ गणेश'
Ganesh Chaturthi 2020 गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अपने आवास पर ही प्लान ए प्लांट विथ गणेश का नया प्रयोग करते हुए मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा की स्थापना की।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के चलते इस बार गुजरात में सार्वजनिक गणेश उत्सवों के आयोजन पर रोक है। सरकार ने नागरिकों को अपने घर में ही गणेश स्थापना करने व घर पर ही विसर्जन करने के दिशानिर्देश जारी किये हैं। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (CM Vijay Rupani) ने अपने आवास पर गणेश स्थापना के साथ 'प्लान ए प्लांट विथ गणेश' का नया प्रयोग भी शुरु किया है।
विसर्जन के बाद अंकुरित होगा पौधा
मुख्यमंत्री रुपाणी अपने नवप्रवर्तन व आधुनिक विचार को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहते हैं, शनिवार को गणेश चतुर्थी पर राज्य की जनता को इस पर्व की शुभकामनाओं के साथ गांधीनगर में मुख्यमंत्री आवास पर 'प्लान ए प्लांट विथ गणेश' का नया प्रयोग करते हुए मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा की स्थापना की। प्रतिमा में पौधा उगाने के लिए बीज डाले गये हैं, विसर्जन के बाद प्रतिमा की मिट्टी में रखा बीज अंकुरित होकर एक पौधे का रुप लेगा जिसे प्लान ए प्लांट विथ गणेश का नाम दिया गया है।
घर पर ही गणेश प्रतिमा की स्थापना और विसर्जन
गौरतलब है कि गृह राज्यमंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा ने कोरोना महामारी के चलते एक सप्ताह पहले ही राज्य की जनता से आग्रह किया था कि सार्वजनिक स्थलों पर गणेश स्थापना नहीं करें, चार फीट से अधिक बड़ी प्रतिमा की स्थापना नहीं करें। सरकार की ओर से लोगों से अपील की गई थी कि लोग अपने घर पर ही गणेश प्रतिमा की स्थापना करें तथा घर पर ही विसर्जन करें। मुख्यमंत्री ने खुद इसकी पहल करते हुए जनता को एक संदेश देने का काम किया है। रुपाणी ने पौधे में परमात्मा की भावना को व्यक्त करते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए इस अभियान से जुड़ने की लोगों से अपील की है।
इससे पहले कोरोना महामारी के दौरान सीएम डैशबोर्ड से एशिया के सबसे बडे स्पेशल कोविड-19 सिविल अस्पताल अन्य अस्पतालों में उपचार के मॉनिटरिंग के साथ कोरोना संक्रमितों के साथ जिस तरह लगातार संवाद कायम कर उनका उत्साह बढ़ाया व चिकित्सकों से चर्चा करते हुए लगातार उनके लिए चिकित्सकीय उपकरण व सुविधाओं के इंतजाम करते रहे वह तारीफ के काबिल रहा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मुख्यमंत्री के प्रयासों व गुजरात की स्वास्थ्य सुविधाओं पर संतोष जताते हुए अन्य राज्यों व कई देशों को इसे अपनाने की सीख दी थी।