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Gujarat: लव जिहाद कानून की धारा पांच पर लगी रोक हटाने से हाई कोर्ट का इन्कार

Gujarat गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ व न्यायाधीश वीरेन वैष्णव की खंडपीठ ने सरकार से स्पष्ट कहा कि अगर धारा पांच के अमल पर लगी रोक हटा ली जाती है तो इस फैसले का कोई अर्थ नहीं रह जाता है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 27 Aug 2021 03:17 PM (IST)Updated: Fri, 27 Aug 2021 03:17 PM (IST)
मतांतरण कानून की धारा पांच से रोक हटाने की याचिका गुजरात हाई कोर्ट ने ठुकराई। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात धर्म स्वतंत्रता संशोधन कानून की धारा पांच पर लगी रोक हटाने को लेकर राज्य सरकार की ओर से दाखिल की गई याचिका को हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया है। गुजरात उच्च न्यायालय में राज्य सरकार की ओर से अप्रैल, 2021 में विधानसभा में धर्म स्वतंत्रता संशोधन कानून 2021 के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी, जिसके फलस्वरूप अदालत में इस कानून की कुछ धाराओं के अमल पर रोक लगा दी थी। गुजरात सरकार इस फैसले के बाद एक याचिका दाखिल कर कानून की धारा पांच के अमल पर लगी रोक को हटाने की मांग की। मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ व न्यायाधीश वीरेन वैष्णव की खंडपीठ ने सरकार से स्पष्ट कहा कि अगर धारा पांच के अमल पर लगी रोक हटा ली जाती है तो इस फैसले का कोई अर्थ नहीं रह जाता है।

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कानून की धारा पांच के अनुसार, विधिवत तरीके से होने वाले अंतरधार्मिक विवाह व मतांतरण से पहले राज्य सरकार से मंजूरी लेना अनिवार्य है। उधर, राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की ओर से धर्म स्वतंत्रता कानून की कुछ धाराओं पर रोक लगाने के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने का मन बना लिया है। गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने कहा कि कई युवक हिंदू धर्म के नाम व चिन्ह फर्जी तरीके से धारण करके या लालच व भय या बहला-फुसलाकर हिंदू युवतियों को फंसा लेते हैं, ऐसी युवतियों व महिलाओं को इनसे बचाने के उद्देश्य से सरकार की ओर से यह कानून पारित किया गया है। उच्च न्यायालय से राज्य सरकार की अर्जी ठुकराए जाने के बाद अब सरकार उच्च न्यायालय के पूर्व में कानून पर रोक के फैसले को ही उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने का मन बना रही है। गुजरात सरकार धर्म स्वतंत्रता संशोधन कानून जून, 2021 में अमल में लाया गया था। कानून के अस्तित्व में आने के बाद सबसे पहले वडोदरा में लव जिहाद का मामला दर्ज हुआ। इसके बाद अहमदाबाद, सूरत जैसे जिलों में अब तक आधा दर्जन मामले दर्ज हो चुके हैं। 


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