गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने हार्दिक पटेल के मामले की सुनवाई से खुद को किया अलग
Hardik Patel. गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने पाटीदार समुदाय के नेता हार्दिक पटेल की अर्जी पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है।
अहमदाबाद, प्रेट्र। गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश आरपी धोलारिया ने पाटीदार समुदाय के नेता हार्दिक पटेल की उस अर्जी पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, जिसमें उन्होंने 2015 के दंगा मामले में अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की है।
गौरतलब है कि हार्दिक पटेल मंगलवार को गांधीनगर में आयोजित कांग्रेस की रैली में पार्टी में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। न्यायमूर्ति आरपी धोलारिया ने बुधवार को खुद को सुनवाई से अलग कर लिया।
गत वर्ष जुलाई में एक सत्र अदालत ने हार्दिक पटेल को 2015 में विसनगर में दंगा और आगजनी के लिए दो वर्ष की सजा सुनाई थी, जब पाटीदार आरक्षण आंदोलन राज्य में गति पकड़ रहा था।
मेहसाणा जिले के विसनगर की अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने की वजह से हार्दिक पटेल चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं। हार्दिक पटेल ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने गत वर्ष अगस्त में हार्दिक पटेल को जमानत देने के साथ ही उनकी दो वर्ष की सजा निलंबित कर दी थी, लेकिन उनकी दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई थी।
जानें, कांग्रेस में शामिल होने के बाद हार्दिक पटेल ने क्या कहा
पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। इस मौके पर अपने फैसले को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि अब वह गुजरात के छह करोड़ लोगों के लिए बेहतर तरीके से काम कर सकते हैं।
राहुल गांधी तथा संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए हार्दिक ने गांधीनगर के निकट अदलाज गांव में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए लोगों से पूछा- क्या उनका फैसला सही है, इस पर लोगों ने 'हां' में जवाब दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के कारण जहां कांग्रेस ने 28 फरवरी को होने वाली अपनी कार्यसमिति की बैठक टाल दी, वहीं प्रधानमंत्री देशभर में रैलियों को संबोधित करने में व्यस्त थे।
हार्दिक ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए उन्हें 'ईमानदार' बताया। उन्होंने कहा- 'लोग पूछते हैं कि मैंने कांग्रेस और राहुल गांधी को क्यों चुना। मैंने राहुल गांधी को इसलिए चुना, क्योंकि वह ईमानदार हैं। वह तानाशाह की तरह काम करने में विश्वास नहीं रखते।'