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Gujarat: हाईटेक हुआ गुजरात हाई कोर्ट, दो ई-सेवा लांच

Gujarat मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ ने स्वतंत्रता दिवस पर दो नई ई-सेवाएं लांच कीं जिनके जरिये मुकदमों की ई-फाइलिंग के साथ ही लंबित मुकदमों की स्थिति जानने में सुविधा होगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 16 Aug 2020 04:37 PM (IST)Updated: Sun, 16 Aug 2020 04:37 PM (IST)
Gujarat: हाईटेक हुआ गुजरात हाई कोर्ट, दो ई-सेवा लांच
Gujarat: हाईटेक हुआ गुजरात हाई कोर्ट, दो ई-सेवा लांच

अहमदाबाद, प्रेट्र। गुजरात हाई कोर्ट ने हाईटेक होने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शनिवार को दो नई ई-सेवाएं लांच कीं, जिनके जरिये मुकदमों की ई-फाइलिंग के साथ ही लंबित मुकदमों की स्थिति जानने में सुविधा होगी। ई-फाइलिंग और ईमेल माई केस स्टेट्स के लांच होने के बाद वकीलों और आम जनता को काफी लाभ होगा। देश में ये अपने तरह की पहली सुविधाएं हैं। सभी सूचनाएं स्वत: अपडेट होती रहेंगी। शुरुआती दौर में कुछ ही मामलों में ये सुविधाएं मिलेंगी। ई-फाइलिंग करने के लिए वकीलों को हाई कोर्ट के आइटी सेल में अपना रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा।

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मुख्य न्यायाधीश ने मामलों को सीधे दायर करने के लिए कोर्ट परिसर में पांच अतिरिक्त काउंटर खोलने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने एक ई-बुक भी लांच किया जिसमें हाई कोर्ट के अहम फैसले शामिल किए गए हैं। गौरतलब है कि गुजरात हाई कोर्ट ने गत दिनों राज्य सरकार से सवाल किया है कि यदि शिक्षा देना एक आदर्श और परोपकारी कार्य है तो इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज के छात्रों को शुल्क माफी से वंचित क्यों रखा गया। हाई कोर्ट ने गुजरात सरकार के 16 जुलाई के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें प्राइवेट स्कूलों को लॉकडाउन के दौरान किसी प्रकार की फीस नहीं लेने को कहा गया। कोर्ट ने सरकार और निजी शिक्षण संस्थानों को वार्ता करने और एक ऐसा सर्वमान्य हल तलाशने का आदेश दिया है, जिसमें हर भागीदार के हितों का ध्यान रखा जाए। गुजरात सरकार के 'नो फी आर्डर' के खिलाफ सेल्फ फाइनेंसिंग एवं प्राइवेट स्कूल संघ और फेडरेशन की ओर से दाखिल चार पीआइएल का निपटारा करते हुए मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ एवं जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने वसूली जा चुकी फीस लौटाने संबंधी सरकारी आदेश को भी रद कर दिया।

कोर्ट ने सवाल किया कि सरकार ने अपने सरकारी संकल्प (जीआर) में जैसा कहा है उसके अनुसार यदि शिक्षा देना एक आदर्श और परोपकारी कार्य है तो राज्य सरकार ने कॉलेजों के भी शिक्षण शुल्क माफ करने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए? आखिर सभी शिक्षण संस्थानों, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों के लिए शुल्क माफी क्यों नहीं होनी चाहिए। गुजरात के शिक्षामंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्‍मा ने गत दिनों कहा है कि सरकारी शालाओं के बच्‍चों के साथ अब सरकार निजी स्‍कूलों के बच्‍चों को भी ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने की व्‍यवस्‍था करेगी।


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