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गुजरात HC ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक को किया जवाब तलब, पूछा- बच्चों का भविष्य क्यों बर्बाद कर रहे हैं

गुजरात उच्च न्यायालय ने शिक्षकों द्वारा उच्च प्राथमिक के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई के मामले में संज्ञान लेते हुए प्राथमिक शिक्षा निदेशक को जवाब तलब किया है। कई प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक उच्च प्राथमिक के बच्चों को पढ़ा रहे हैं जिसको लेकर कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 12:47 PM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 12:47 PM (IST)
गुजरात HC ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक को किया जवाब तलब, पूछा- बच्चों का भविष्य क्यों बर्बाद कर रहे हैं
गुजरात उच्च न्यायालय ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक को जवाब तलब किया है।

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात उच्च न्यायालय ने प्राथमिक कक्षा के शिक्षकों द्वारा उच्च प्राथमिक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के मामले पर संज्ञान लेते हुए प्राथमिक शिक्षा निदेशक को जवाब तलब किया है। गुजरात उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए प्राथमिक शिक्षा निदेशक से पूछा है कि आप बच्चों का भविष्य क्यों बर्बाद कर रहे हैं। योग्य शिक्षकों की भर्ती क्यों नहीं करते हैं। शिक्षा विभाग के पास कक्षा 6 से 8वीं के के छात्र - छात्राओं को पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं तो नई भर्ती की जाए।

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गुजरात उच्च न्यायालय ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक से कहां की कक्षा 1 से 5वीं के शिक्षक 6 से 8 वीं के बच्चों को नहीं पढ़ा सकते हैं। उच्च न्यायालय ने शिक्षा विभाग से कहा कि क्या विभाग के पास योग्यता धारी शिक्षकों की कमी है अगर ऐसा है तो नए शिक्षकों की भर्ती क्यों नहीं करते। गुजरात के कई प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक उच्च प्राथमिक के बच्चों को पढ़ा रहे हैं जिसको लेकर उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की गई है। इसमें कहा गया है कि प्राथमिक स्कूल के शिक्षक उच्च प्राथमिक के बच्चों को नहीं पढ़ा सकते इससे शिक्षा की गुणवत्ता खराब होगी साथ ही बच्चों के भविष्य पर तथा योग्यता पर भी बुरा असर पड़ेगा। हाईकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक को इस मामले में जवाब तलब किया है।

याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय को बताया कि राज्य सरकार ने ही शिक्षा विभाग को इसकी मंजूरी दी है। सरकार की ओर से प्राथमिक शिक्षकों को उच्च प्राथमिक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के संबंध में जारी एक परिपत्र भी अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। याचिकाकर्ता ने अदालत से कहां है कि कम योग्य शिक्षकों को उच्च प्राथमिक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाने से रोका जाए। साथ ही कक्षा 6 से 8 वीं के बच्चों को पढ़ाने के लिए इसके लिए पर्याप्त योग्यता वाले शिक्षकों की व्यवस्था की जाए अथवा नई भर्ती की जाए। गुजरात उच्च न्यायालय ने इस मामले में प्राथमिक शिक्षा निदेशक को जवाब तलब किया है।


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