Gujarat: नित्यानंद आश्रम के मामले में सीएम विजय रूपाणी ने मांगी रिपोर्ट
Gujarat CM Vijay Rupani. गुजरात के राजस्व मंत्री कौशिक पटेल ने बताया कि नित्यानंद आश्रम की जांच में दिल्ली पब्लिक स्कूल की कई अनियमितताएं भी सामने आई हैं।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat CM Vijay Rupani. नित्यानंद आश्रम से दो युवतियां के गुम होने के मामले में चल रही जांच में दिल्ली पब्लिक स्कूल प्रशासन की भी पोल खुलती जा रही है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस प्रकरण में राजस्व मंत्री व जिला कलक्टर से रिपोर्ट मांगी है। डीपीएस फर्जी दस्तावेज के आधार पर चलाया जा रहा है।
राजस्व मंत्री कौशिक पटेल ने बताया कि नित्यानंद आश्रम की जांच में दिल्ली पब्लिक स्कूल की कई अनियमितताएं भी सामने आई हैं। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने खुद इस मामले की रिपोर्ट मांगी है। कौशिक पटेल ने बताया कि डीपीएस स्कूल परिसर में चल रहे नित्यानंद आश्रम से दो युवतियों के गुम होने की जांच गुजरात पुलिस कर रही है। डीपीएस स्कूल की जमीन व सीबीएसइ मान्यता को लेकर सरकार गहराई से जांच कर अंतिम फैसला करेगी। सीबीएसइ को दिए गए दस्तावेजों के फर्जी होने की बात भी सामने आ रही है।
स्कूल प्रशासन अब खुद स्वीकार कर रहा है कि राज्य सरकार के अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना उन्होंने सीबीएसइ से मान्यता हासिल की है। जमीन आश्रम को देने को लेकर भी गुजरात सरकार डीपीएस पर सख्त है। आश्रम से गुम दो युवतियों को लेकर उच्च न्यायालय में दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में अदालत ने पुलिस को विदेश जाकर जांच करने व दोनों युवतियों को पेश करने को कहा है। अदालत ने आश्रम के वकील से गुम युवतियों की जानकारी मांगी तो उन्होंने किसी तरह का संपर्क होने से इनकार किया इस पर अदालत ने पूछा कि संपर्कमें नहीं है तो उन्हें यहां की पल पल की जानकारी तथा पुलिस व अदालती कार्यवाही के दस्तावेज भी कौन उपलब्ध करा रहा है।
गौरतलब है कि आश्रम में रहने वाले बच्चों को प्रताड़ित करने व श्रम कराने मामले की जांच गुजरात बाल आयोग कर चुका है। आयोग की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई, जिसके चलते आश्रम के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।
अहमदाबाद जिला कलक्टर डॉ विक्रांत पांडे ने बताया कि राज्य सरकार डीपीएस से जमीन वापस भी ले सकती है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की मान्यता संबंधी दस्तावेज व जमीन लीज पर लेने की जांच कर रही है। डीपीएस को जमीन शैक्षणिक कार्य के लिए लीज पर दी गई थी। आश्रम के लिए नहीं। डीपीएस के खिलाफ राजस्व कानून के नियम 63 के तहत कार्रवाई करते हुए जमीन वापस भी ली जा सकती है या 300 फीसद तक राजस्व कर वसूला जा सकता है।