गुजरात की 75 में से 47 नगर पालिकाएं भाजपा की झोली में
कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर का कहना है कि इस बार उनके पार्षद दोगुनी संख्या में जीतकर आए हैं।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। गुजरात के स्थानीय निकाय चुनाव में फिर भगवा लहराया है। 75 नगरपालिकाओं में से भाजपा ने 47 पर कब्जा जमा लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहनगर वडनगर में भाजपा ने 28 में 27 सीटें जीतकर वहां कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया है।
विधानसभा चुनाव में वडनगर सीट पर भाजपा हार गई थी। उधर, अपने करीब 41 विधायकों के क्षेत्र की नगरपालिका में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस के लिए संतोषजनक बात यह है कि इस बार पांच नगरपालिकाएं उसने और जीत ली हैं। इस तरह कांग्रेस का आंकड़ा 11 से बढ़कर 16 नगरपालिकाओं का हो गया है, जबकि पिछले चुनाव के मुकाबले भाजपा ने 13 नगरपालिकाएं गंवाईं हैं। पिछले चुनाव में 75 में से 60 नगरपालिकाओं में भाजपा को जीत मिली थी।
सोमवार को घोषित चुनाव परिणाम के अनुसार, एक-एक नगरपालिका पर राकांपा व बसपा और दस नगरपालिकाओं में अन्य ने जीत दर्ज की है। भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका, टाटा के नैनो प्लांट से चर्चा में आए साणंद, वडनगर, लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्मस्थली करमसद व राकांपा के प्रभुत्व वाली कुतियाणा नगरपालिका में भाजपा ने जीत दर्ज की है। रिलायंस के संस्थापक धीरूभाई अंबानी के गांव चोरवाड, जूनागढ़ के वंथली, पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के मूल गांव विसावदर में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है।
कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर का कहना है कि इस बार उनके पार्षद दोगुनी संख्या में जीतकर आए हैं। वहीं, भाजपा अध्यक्ष जीतूभाई वाघाणी ने कांग्रेस को हार स्वीकार कर लेने की सलाह दी है। मालूम हो कि 75 नगरपालिकाओं की 2016 सीटों पर भाजपा के 1167, कांग्रेस के 630 तथा 202 अन्य प्रत्याशी विजयी हुए हैं। बसपा के 15 तथा राकांपा के 28 उम्मीदवार जीते हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव के ठीक बाद हुए इन चुनावों को जनता के मिजाज को भांपने का एक और अवसर माना जा रहा था। कांग्रेस ने जिस तरह विधानसभा चुनाव में भाजपा को टक्कर दी थी उसे देखते हुए ये नतीजे उसके लिए झटका हैं।
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