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Gujarat: दसवीं में फेल होने पर छात्रा ने फांसी लगाकर जान दी

Suicide in Rajkot. दसवीं कक्षा में फेल होने पर छात्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी। घटना गुजरात के राजकोट की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 04:02 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 04:02 PM (IST)
Gujarat: दसवीं में फेल होने पर छात्रा ने फांसी लगाकर जान दी
Gujarat: दसवीं में फेल होने पर छात्रा ने फांसी लगाकर जान दी

अहमदाबाद, संवाद सूत्र। Suicide in Rajkot. गुजरात बोर्ड दसवीं कक्षा की परीक्षा में फेल होने से दुखी एक 16 वर्षीय एक छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। घटना राजकोट शहर के पीपलीया गांव की है। एक विषय में फेल होने पर छात्रा ने यह कदम उठा लिया। घटना के बाद मोरबी पुलिस की टीम पहुंच गई है।

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मोरबी के पीपलीया गांव में रहने वाले मगलभाई जादव की सबसे छोटी पुत्री किर्ती जादव ने दसवीं की परीक्षा दी थी। मंगलवार को दसवीं का परिणाम जारी किया गया, जिसमें किर्ती जादव एक विषय में फेल थी। फेल होने पर किर्ती काफी दुखी हो गई और वह गुमसुम होकर अपने कमरे में चली गई। किर्ती के पिता मंगलभाई ने बताया कि वह अपनी पत्नी व परिवार के साथ गांव में मजदूरी करते थे। दोपहर को मजदूरी कर घर पर पहुंचे ही थे कि घर का दरवाजा अंदर से बंद था। खिड़की से घर में देखा तो उनके होश उड़ गए। किर्ती पंखे पर झूल रही थी। गांववालों की मदद से घर का दरवाजा तोड़कर सभी लोग अंदर घुसे और किर्ती को नीचे उतारकर इमरजेंसी सेवा 108 को सूचना दी।

मोरबी पुलिस ने बताया कि इमरजेंसी सेवा 108 ने छात्रा को मृत घोषित कर पुलिस को सूचना दी। फिलहाल, शव को पोस्टमोर्टम के लिए मोरबी सिविल अस्पताल में भेजा गया है। पुलिस ने परिजनों का बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की है।

गौरतलब है कि गुजरात सरकार की तरफ से मंगलवार सुबह दसवीं बोर्ड का रिजल्ट 60.64 प्रतिशत जारी किया गया है। पिछले पांच साल की तुलना में इस बार दसवीं का बोर्ड का रिजल्ड 6.33 फीसद कम आया है। दसवी बोर्ड में गणित और अंग्रेजी विषयों में सबसे अधिक छात्र फेल हुए हैं।  

इस तरह रहा गुजरात बोर्ड दसवीं का परीक्षा परिणाम

गुजरात राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड दसवीं की परीक्षा का परिणाम मंगलवार को 60.64 प्रतिशत घोषित किया गया है। यह बोर्ड की पिछले पांच वर्ष का सबसे कम परिणाम है। गत वर्ष यह परिणाम 66.97 प्रतिशत था। राज्य में सूरत जिला का सर्वाधिक 74.66 प्रतिशत तथा दाहोद जिला का सबसे कम 47.47 प्रतिशत परिणाम घोषित हुआ है। वहीं, राज्य की 174 पाठशालाओं का परिणाम शून्य घोषित हुआ है। इन सभी पाठशालाओं के शत प्रतिशत छात्र अनुत्तीर्ण हुए है। अंग्रेजी मीडियम के 1,00,348 छात्र केवल गुजराती में अनुत्तीर्ण हुए हैं। इससे शिक्षा क्षेत्र में विविध सवाल उठ खड़े हुए हैं।

गुजरात राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परिणाम में गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी छात्राओं ने बाजी मार ली है। इस बार छात्रों को का परिणाम 56.53 प्रतिशत आया है। वहीं छात्राओं का परिणाम 66.02 प्रतिशत आया है।  राज्य में कुल 80,4268 नियमित छात्रों ने परीक्षा फार्म भरा था। इनमें से 792942 छात्रों ने परीक्षा दी और 480845 छात्र उत्तीर्ण हुए। इस प्रकार परिणाम 60.64 प्रतिशत घोषित किया गया है। इस परीक्षा में 2,20931 छात्रों ने दुबारा परीक्षाएं दी, इनमें से 212338 छात्रों ने परीक्षा दी। इनमें से 19313 छात्र उत्तीर्ण हुए। इस प्रकार रिपीटर छात्रों का 9.10 प्रतिशत परिणाम जारी हुआ है। इसके अतिरिक्त प्राइवेट 19530 छात्रों में से 17178 छात्रों ने परीक्षा दी। इनमें से 1051 छात्र उत्तीर्ण हुए। इस प्रकार 6.12 प्रतिशत परिणाम घोषित हुआ है।

गुजरात माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित परिणामों के अनुसार राज्य की 174 पाठशालाओं का परिणाम शून्य आया है। इन पाठशालाओं के सभी छात्रों के अनुत्तीर्ण होने के कारण शिक्षा विभाग पर तरह-तरह के सवाल उठ रहे है। राज्य में ए-1 ग्रेड में 1671 छात्र, ए-2 में 23754, बी-1 में 58158 तथा बी-2 में 10,5,971 छात्र शामिल हैं। इस प्रकार इस ग्रेड में कुल 189554 छात्र उत्तीर्ण हुए है। राज्य में गुजराती माध्यम का सबसे कम 57.54 प्रतिशत परिणाम आया है। वहीं, सबसे अंग्रेजी 86.75 और हिंगी माध्यम का 63.94 प्रतिशत परिणाम आया है।


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