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Gujarat: कोरोना महामारी के चलते पारसी समाज में अब दोखमे नशीन के बदले अग्निदाह से अंतिम संस्कार

Gujarat पारसी समाज में शव को गिद्धों के लिए टावर ऑफ साइलेंस पर खुले में छोड़ दिया जाता है। पारसी पंचायत सूरत के पदाधिकारियों ने कोरोना के चलते पारसी महिला-पुरुषों के शवों को अब टावर ऑफ साइलेंस अथवा गहरे गड्ढे में खुला छोड़ने के बजाय अग्निदाह को मंजूरी दी है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 08:49 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 10:22 PM (IST)
Gujarat: कोरोना महामारी के चलते पारसी समाज में अब दोखमे नशीन के बदले अग्निदाह से अंतिम संस्कार
कोरोना महामारी के चलते पारसी समाज में अब दोखमे नशीन के बदले अग्निदाह से अंतिम संस्कार। फाइल फोटो

अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। Gujarat: कोरोना महामारी के चलते पारसी समुदाय को मृत देह के अंतिम संस्कार की तीन हजार साल पुरानी परंपरा दोखमे नशीन को बदलकर अग्निदाह करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। पारसी समाज में शव को गिद्धों के लिए टावर ऑफ साइलेंस पर खुले में छोड़ दिया जाता है। पारसी पंचायत सूरत के पदाधिकारियों ने कोरोना के चलते पारसी महिला-पुरुषों के शवों को अब टावर ऑफ साइलेंस अथवा गहरे गड्ढे में खुला छोड़ने के बजाय अग्निदाह को मंजूरी दी है। पारसी पंचायत के प्रमुख एसजी करंजिया बताते हैं कि देश में उनके समुदाय के लोगों की जनसंख्या करीब एक लाख है। सबसे अधिक लोग मुंबई में रहते हैं जबकि सूरत में ढाई से तीन हजार की आबादी है। इनमें कोरोना के चलते करीब 50 लोगों का निधन हो चुका है।

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पारसी समुदाय में शव के अंतिम संस्कार की दोखमे नशीन परंपरा है जिसमें शव को गिद्धों व अन्य पक्षियों के लिए खुले में छोड़ दिया जाता है। दरअसल पारसी समुदाय अग्नि, जल व पृथ्वी को पवित्र मानकर मृत देह को उनके सुपुर्द नहीं करता है। पारसी शिक्षक व कलाकार यसदी नौसरखान करंजिया बताते हैं कि समाज में लंबे समय से अंतिम संस्कार की विधि को लेकर चर्चा होती थी। गिद्धों की संख्या लगातार घटने से परिवार के सदस्य के शव को खुले में छोड़ने के बाद वह छह से आठ माह तक पड़ा रहता है। कोरोना महामारी में दूसरे लोगों को तकलीफ न हो, इसलिए अब अग्निदाह का विकल्प अपनाया गया है। इसके अलावा टावर ऑफ साइलेंस पर सोलर पैनल लगाकर उसकी तेज गर्मी से भी शव का अंतिम संस्कार किया जाने लगा है।

इधर, शुक्रवार शाम को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अहमदाबाद पहुंचे, मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी, उपमुख्‍यमंत्री नितिन पटेल व रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) के उच्‍च अधिकारियों के साथ जीएमडीसी मैदान पहुंचे, जहां उन्‍होंने चंद दिनों में निर्मित इस अस्‍पताल का जायजा लिया। अमित शाह ने गुजरात के मुख्‍यमंत्री व अन्‍य आला अधिकारियों के साथ यहीं पर एक उच्‍चस्‍तरीय बैठक कर गुजरात में कोरोना के हालात पर चर्चा की। इसमें अमित शाह ने राज्‍य में बेड की उपलब्‍धता, ऑक्‍सीजन की कमी, रेमडेसीवर इंजेक्‍शन के साथ वैक्‍सीनेशन की व्‍यवस्‍थाओं का भी जायजा लिया। डीआरडीओ, अहमदाबाद महानगर पालिका के अधिकारियों ने अमित शाह को एक प्रजेंटेशन के माध्‍यम से कोरोना के ताजा हालात व सुविधाओं की जानकारी दी।


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