Gujarat: मृत गाय को रंग कर मुआवजा लेने की कोशिश, ऐसे खुला राज
Gujarat महिला पशुपालक ने मृत गाय को काला रंग कर उसका मुआवजा लेने का प्रयास किया लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट से उसकी पोल खुल गई। रिपोर्ट में सींग व शरीर पर धब्बों का उल्लेख था जिससे महिला की चोरी पकड़ी गई और बीमा कंपनी ने उसका दावा खारिज कर दिया।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat News: उत्तर गुजरात के बनासकांठा जिले के एक गांव में महिला पशुपालक ने मृत गाय को काला रंग कर उसका मुआवजा लेने का प्रयास किया, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट से उसकी पोल खुल गई। रिपोर्ट में सींग व शरीर पर धब्बों का उल्लेख था, जिससे महिला की चोरी पकड़ी गई और बीमा कंपनी (Insurance Company) ने उसका दावा खारिज कर दिया।
बीमा कंपनी ने खारिज किया दावा
बनासकांठा के मेमदपुर गांव की रतनबेन भूतडिया ने अपनी एक गाय का बीमा कराया था। नेशनल इंश्योरेंस कंपनी ने बीमा के साथ गाय को एक यूनिक संख्या का टैग दिया, जिसे गाय के कान पर लगाया गया था। गुजरात में गायों में लंपी वायरस का प्रकोप चल रहा है। प्रदेश में हजारों गऊएं इस बीमारी का शिकार हुई हैं। रतनबेन ने एक मृत गाय को काला रंग कर अपनी गाय का टैग उसे लगाकर मुआवजा लेने का प्रयास किया। बीमा कंपनी ने जब इसके दावे की पड़ताल की तो पशु चिकित्सक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत गाय के सींग अलग बताए गए थे, जिससे महिला की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। बीमा की गई गाय को सफेद धब्बे नहीं थे तथा उसके सींग नुकीले थे, जबकि मृत गाय के सींग रिपोर्ट में घुमावदार बताए गए थे। पशुपालक महिला ने बीमा कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में भी वाद दायर किया, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया।
गुजरात में लंपी वायरस से हजारों गायों की मौत
बीमा कंपनी का कहना है कि महिला ने जिंदा गाय का टैग हटाकर मृत गाय को लगा दिया तथा बीमा राशि उठाने के लिए गाय को काला पेंट रंग दिया। उधर, पशुपालक महिला का कहना है कि पोस्टमार्टम रात्रि में किया गया था, इसलिए चिकिस्सक की रिपोर्ट में सही तथ्यों का उल्लेख नहीं हो सका। गुजरात में पिछले एक माह से लंपी वायरस (Lumpy Virus) का प्रकोप है, जिसके कारण हजारों गायों की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार ने प्रदेशभर में गायों को टीकाकरण का अभियान चला रही है। अभी तक राज्य की लाखों गायों को टीका लगाया जा चुका है, लेकिन लंपी वायरस से संक्रमित गायों की संख्या 50 हजार से भी अधिक होने के कारण बड़ी संख्या में गायों की मौत हो रही है।