गुजरात के पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला बोले, खुद पिता पिलाते थे शराब
गुजरात के पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला के मुताबिक, युवावस्था में वे शराब का सेवन करते थे तथा उनके पिता ही उन्हें अपने साथ बिठाकर शराब पीने को प्रेरित करते थे।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात में भले शराबबंदी है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला बड़ी साफगाई से कहते हैं कि युवावस्था में वे शराब का सेवन करते थे तथा उनके पिता ही उन्हें अपने साथ बिठाकर शराब पीने को प्रेरित करते थे। हालांकि वाघेला यह भी कहते हैं कि वर्ष 1969 में सार्वजनिक जीवन में आने के बाद शराब का त्याग कर दिया था।
भगवान श्रीक्रष्ण की नगरी द्वारिका के एक गांव में मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम वाघेला ने कहा कि व्यक्ति की जीवन में सादगी होनी चाहिए। खाने, पहनने के शौक हम करते हैं लेकिन जब सार्वजनिक जीवन में आते हैं तो कई आदतें त्याग देनी होती है। उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि युवावस्था में वे शराब का सेवन करते थे, खुद उनके पिता वाघेला को अपने पास बिठाकर शराब पीने के लिए प्रेरित करते थे।
गौरतलब है कि बॉम्बे स्टेट का हिस्सा रहे गुजरात में 1948 से ही शराबबंदी का कानून है। वर्ष 1960 में बॉम्बे से अलग होने के बाद राज्य में शराबबंदी कायम रही, जो आज भी लागू है लेकिन वाघेला सार्वजनिक रूप से यह बात स्वीकारते हैं कि वे वर्ष 1969 में सार्वजनिक जीवन में आने से पहले तक शराब का सेवन करते थे। जुलाई 1940 में जन्मे वाघेला 1969 में 29 वर्ष की उम्र तक शराब का सेवन करते रहे। वाघेला का दावा है कि वर्ष 1969 में सार्वजनिक जीवन में आने के बाद उन्होंने शराब छोड़ दी थी। चूंकि उनका मानना है कि नेता को भीतर व बाहर के जीवन में अंतर नहीं रखना चाहिए।
गौरतलब है कि गुजरात में सीएम रहते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब सद्भावना उपवास किया था, उसी दौरान वाघेला गांधी आश्रम के बाहर सत्याग्रह करने बैठे थे। उस दौरान भी उन्होंने शराब सेवन की बात स्वीकार की थी। वाघेला आरएसएस से निकलकर जनसंघ, भाजपा, कांग्रेस की राजनीतिक करते हुए मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री सहित कई अहम ओहदों पर रह चुके हैं। गत राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा के पाले में नजर आते हैं।