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Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात में कोली-ठाकोर के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण की उठी मांग

Gujarat Assembly Election 2022 गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले कोली-ठाकोर आरक्षण की मांग जोर पकड़ सकती है। समाज के लोगों ने एक सम्मेलन कर 20 प्रतिशत आरक्षण की मांग की है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष समेत पांच विधायक इसके समर्थन में आए हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 21 Mar 2022 07:01 PM (IST)Updated: Mon, 21 Mar 2022 07:01 PM (IST)
Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात में कोली-ठाकोर के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण की उठी मांग
गुजरात में कोली-ठाकोर के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण की उठी मांग। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात में पिछले विधानसभा चुनाव से पहले पाटीदार आरक्षण आंदोलन ने जोर पकड़ा था। इस बार कोली-ठाकोर आरक्षण की मांग जोर पकड़ सकती है। समाज के लोगों ने एक सम्मेलन कर 20 प्रतिशत आरक्षण की मांग की है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष समेत पांच विधायक इसके समर्थन में आए हैं। गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में हर दिन राजनीतिक घटनाक्रम में तेज बदलाव हो रहा है। राजकोट में कोली-ठाकोर समुदाय की संस्थाओं ने मिशन 2022 के नाम से एक अभियान शुरू किया। इनकी तरफ से कोली व ठाकोर समाज के लिए जनसंख्या के आधार पर 20 प्रतिशत आरक्षण की मांग रखी गई है। इसमें कांग्रेस विधायक राजेश गोहिल, ऋत्विक मकवाणा, विमल चूडास्मा आदि ने भी भाग लिया।

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कांग्रेस ने किया समर्थन

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा है कि कोली, ठाकोर व बक्षीपंच अतिपिछड़ा समुदाय की लंबे समय से जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने की मांग रही है। कांग्रेस इस समुदाय की मांग का समर्थन करती है तथा सामाजिक न्याय के लिए इन्हें आरक्षण देने की मांग करती है।

2017 के विधानसभा चुनाव में उठी थी पाटीदार आरक्षण की मांग 

गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में पाटीदार आरक्षण की मांग उठी थी, तब भी कांग्रेस उसके समर्थन में थी। अब कोली व ठाकोर समाज को आरक्षण की मांग के समर्थन में भी आ गई है।

गौरतलब है कि कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल की प्रथम पुण्यतिथि पर शामिल होने 25 नवंबर को गुजरात के भरूच में आए राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत एक पाटीदार नेता से मुलाकात भी कर चुके है। सूत्रों की मानें तो यह मुलाकात एक निजी होटल में हुई। कांग्रेस पाटीदार नेता की सभी शर्त मानने को तैयार है, लेकिन मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पर कांग्रेस अपने पत्ते खोलने से बचना चाह रही है। पाटीदार संस्थाओं से जुडे किसी पटेल नेता को पार्टी से जोड़कर सीधे पाटीदार वोट बैंक में सेंध लगाने की रणनीति पर कांग्रेस नेता काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने गत दिनों जब यह बयान दिया था कि भाजपा मतलब पाटीदार तथा पाटीदार मतलब भाजपा है तो खोडलधाम के मुख्य ट्रस्टी नरेश पटेल ने तुरंत कह दिया था कि पाटीदार हर दल में है। मंत्री का बयान उनका निजी विचार हो सकता है।


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