Move to Jagran APP

गुजरात के गिर में इस वायरस ने ली 23 शेरों की जान

वनमंत्री गणपत सिंह वसावा ने शेरों की मौत के लिए एक वायरस को जिम्मेदार बताया है। शेरों में केनाइन डिस्टेम्पर नामक वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 03 Oct 2018 05:20 PM (IST)Updated: Thu, 04 Oct 2018 12:49 PM (IST)
गुजरात के गिर में इस वायरस ने ली 23 शेरों की जान
गुजरात के गिर में इस वायरस ने ली 23 शेरों की जान

शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। सासन गिर के जंगल में पांच एशियाई शेरों की हालत गंभीर है। वनमंत्री गणपत सिंह वसावा ने शेरों की मौत के लिए एक वायरस को जिम्मेदार बताया है। शेरों में केनाइन डिस्टेम्पर नामक वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। सरकार ने अमेरिका से खास वैक्सीन मंगा ली है। सासन गिर के दलखानिया रेंज में 12 सितंबर से अब तक 23 शेरों की मौत हो चुकी है। करीब 25 वर्ग किलोमीटर में इन शेरों की मौत हुई, जहां प्रोटोजोआ का संक्रमण होना पाया गया है। एक दर्जन शेरों की मौत होने तक वन विभाग इसकी वजह वर्चस्व के लिए आपसी लड़ाई बताकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ता रहा। इस बीच, अन्य शेर भी संक्रमण के शिकार हो गए।

loksabha election banner

जसाधार एनिमल हेल्थ केयर सेंटर में उपचार के लिए रखे गए पांच शेरों में से दो ने बीती रात दम तोड़ दिया। इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि से 31 शेरों को जामवाला एनिमल हेल्थ केयर सेंटर में रखा गया है। बताया जा रहा है कि उपचार के लिए लाए गए शेरों में पांच की हालत गंभीर है। वनमंत्री गणपतसिंह वसावा ने कहा है कि शेरों की मौत के लिए वायरस जिम्मेदार है। संक्रमण के कई कारण जिम्मेदार होते हैं, लेकिन वनविभाग की कोई लापरवाही इस मामले में सामने नहीं आई है। सासन गिर में करीब 600 शेर हैं। शेरों की संख्या लगातार बढ़ने के कारण इनके विस्तार में सतत कमी हो रही है। इसके चलते जंगल के आसपास बसे गांवों तक शेरों के जाने व पालतू जानवरों को मारने की घटनाएं भी सामने आती हैं। शुरू में शेरों की मौत पर पर्दा डालने के लिए पशुमालिकों की ओर से जहर दिए जाने की आशंका भी जताई गई, लेकिन लगातार शेरों की मौत के चलते इसे छिपाया नहीं जा सका। वनमंत्री ने बताया है कि कुछ सैंपिल राज्य के बाहर की लेबोरेटरी में भी भेजे गए हैं।

उधर, गुजरात हाईकोर्ट ने शेरों की मौत के लिए गैरकानूनी तरीके से जंगल में लायन शो होने को भी संक्रमण वजह माना है। कुछ माह पहले ही जंगल में शेरों को मुर्गी दिखाकर ललचाते एक वीडियो वायरल हुआ था। वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट देवसी बारड बताते हैं कि केनाइन डिस्टेम्पर के कारण अफ्रीका व तंजानिया में बड़ी संख्या में शेर मरने की घटना हो चुकी है। सासन गिर में इसका संक्रमण पहली बार पाया गया है। मूल रूप से यह वायरस कुत्तों में पाया जाता है। सरकार लंबे समय से गिर जंगल से कुत्तों को हटाने का कार्यक्रम भी चला रही है, लेकिन जंगल में बसे गांवों की वजह से यह पूरी तरह नहीं हो पाया। यहां करीब दो दर्जन गांवों में गैरकानूनी लायन शो होता है। आशंका यही है कि कुत्ते की लार लगे मांस के भक्षण या कुत्तों के संपर्क में आने से शेरों में यह वायरस चला गया है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.