Gujarat: अदालत की अवमानना मामले में आरोपियों को बिना शर्त माफी से इनकार
न्यायाधीश को फोन कर सिफारिश के मामले में हाईकोर्ट ने आरोपियों को बिना शर्त माफी देने से इनकार कर दिया है।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। उच्च न्यायालय से विधायक को जमानत देने के लिए न्यायाधीश को फोन कर सिफारिश के मामले में हाईकोर्ट ने आरोपियों को बिना शर्त माफी देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि माफी देने का मतलब होगा हाईकोर्ट ने अपनी गरिमा के साथ ही समझौता कर लिया। इसलिए अदालत की अवमानना मामले में माफी की याचिका खारिज की जाती है।
आणंद जिले के पेटलाद से कांग्रेस विधायक निरंजन पटेल को जमानत दिलाने के लिए विजय शाह नाम एक व्यक्ति ने अल्पेश पटेल को रुपये देकर न्यायाधीश बेलाबेन त्रिवेदी को फोन कराया था। अल्पेश ने फोन पर न्यायाधीश को कहा कि आरोपी पेटलाद से विधायक हैं, उनके जमानत की अर्जी का उल्लेख करते हुए अल्पेश ने न्यायाधीश को प्रभाव में लेने का प्रयास किया था। हाईकोर्ट न्यायाधीश सोनिया गोकाणी व न्यायाधीश एन वी अंजारिया की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि विजय शाह एवं अल्पेश पटेल की बिना शर्त माफी की बात में कोई विश्वसनीयता नजर नहीं आती है। आरोपियों का माफीनामा स्वीकार कर उनके खिलाफ अदालत की अवमानना के केस रद्द कर दिया जाता है तो ऐसा लगेगा कि अदालत ने अपनी गरिमा के साथ खुद ही समाधान कर लिया। न्याय तंत्रके प्रति तिरस्कार व अपमान उजागर करने के बाद माफी मांगने पर माफ नहीं किया जा सकता इससे समाज में गलत संदेश जाएगा।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार की ओर से किये गये लॉकडाउन के दौरान विधायक निरंजन पटेल की स्थानीय पुलिस के साथ टकराव हो गया था। पुलिस की ओर से महामारी कानून व राजकार्य में बाधा पहुंचाने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था। गिरफ़तारी से बचने के लिए निरंजन के करीबी विजय शाह ने अल्पेश पटेल नामक व्यक्ति को रुपये देकर न्यायाधीश बेलाबेन त्रिवेदी को फोन कराकर जमानत के लिए प्रयास किया ताकि विधायक को गिरफ़तारी से बचाया जा सके लेकिन हाईकोर्ट ने इन दोनों के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला दर्ज कर लिया।