Gujarat Assembly By Election 2020: गुजरात उपचुनाव में कांग्रेस विधायक ने जनता की सेवा में वेतन खर्च करने का किया वादा
Gujarat Assembly By Election 2020 गुजरात में मोरबी के कांग्रेस विधायक जयंती लाल पटेल ने वादा किया कि वे उपचुनाव में चुने जाते हैं तो हर माह 24 लाख रुपये का वेतन जनता की सेवा में खर्च करेंगे।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat Assembly By Election 2020: गुजरात में आठ सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव का प्रचार थमने से पहले कच्छ की अबडासा सीट का समीकरण काफी रोचक हो गया है। निर्दलीय प्रत्याशी हनीफ पढीयार के कांग्रेस के समर्थन में बैठने की अटकलें है। उधर, मोरबी के कांग्रेस विधायक ने वादा किया कि वे चुने जाते हैं तो हर माह 24 लाख रुपये का वेतन जनता की सेवा में खर्च करेंगे। कच्छ की अबडासा सीट पर भाजपा व कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। भाजपा ने कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रध्युम्न सिंह जाडेजा को अपना प्रतयाशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने वहां के स्थानीय डॉक्टर को अपना उम्मीदवार बनाया है। मुस्लिम मतदाता बहुल इस सीट पर हनीफ के खड़े हो जाने से चुनावी गणित पुरी तरह बदल गया है।
निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी अबडासा सीट पर कांग्रेस के समर्थन में प्रचार कर रहे हैं तथा माना जा रहा है कि उनके समझाने के बाद ही हनीफ चुनाव लड़ने से पीछे हटे हैं, ऐसा माना जा रहा है। हालांकि खुद हनीफ ने इसकी अभी तक पुष्टि नहीं की है। बाडमेर में हनीफ के खिलाफ दर्ज एक आपराधिक मामले की जांच के सिलसिले में राजस्थान एटीएस की टीम अबडासाका दौरा करके गई है। पुलिस की इस सक्रियता को हनीफ को राजनीतिक दबाव में लेने का प्रयास भी माना जा रहा है। गौरतलब है कि प्रजाशक्ति पार्टी के संस्थापक शंकर सिंह वाघेला ने गत दिनों हनीफ को अपना समर्थन दिया था, इसलिए इसे वाघेला के लिए भी झटका माना जा रहा है।
वेतन जनता की सेवा में खर्च
मोरबी विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार जयंती लाल पटेल ने अपने मतदाताओं से वादा किया है कि वे विधायक चुने जाते हैं तो उन्हें वेतन बतौर मिलने वाले 24 लाख रुपये हर माह जनता की सेवा में खर्च करेंगे।
गौरतलब है कि गुजरात उपचुनाव में 18 फीसद उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन पर आपराधिक मामले हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने कहा कि गुजरात विधानसभा की आठ सीटों के लिए उपचुनाव के दौरान करीब 18 फीसद उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले लंबित घोषित किए। 80 उम्मीदवारों में से जिनके चुनावी हलफनामों का विश्लेषण किया गया, उन पर आपराधिक मामले दर्ज किए गए, जिनमें से सात गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे। एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया कि पार्टी-वार भारतीय आदिवासी पार्टी के दो उम्मीदवारों में से एक, भाजपा के आठ उम्मीदवारों में से तीन उम्मीदवार, कांग्रेस के आठ उम्मीदवारों में से दो, और 53 निर्दलीय उम्मीदवारों में से आठ ने लंबित आपराधिक मामलों की घोषणा की।