कांग्रेस विधायक परमार ने मंत्रियों को कार का रंग केसरिया रखने की दी नसीहत, शिक्षामंत्री डिंडोर ने दिया जवाब
क्रषि मंत्री राघवजी पटेल ने विधानसभा में चर्चा के दौरान कहा कि बकरी एटीएम जैसी है। एटीएम में जब चाहो कार्ड डालकर पैसे निकाल सकते हैं वैसे ही बकरी से जब जरुरत हो ताजा दूध दूह सकते हैं। महात्मा गांधी भी बकरी पालते थे तथा उसका दूध पीते थे।
अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। गुजरात विधानसभा में सरकार की ओर से आरक्षित वर्ग की छात्राओं को दी जाने वाली साईकिल का रंग केसरिया होने पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस विधायक शैलेष परमार ने कहा कि मंत्रियों की कारों का रंग भी केसरिया करना चाहिए। शिक्षामंत्री कुबेर डिंडोर ने इस पर यह तर्क देकर बचाव किया कि साईकिल कोई चुराए तो तुरंत पता चल जाता है इसलिए साईकिल का रंग ऐसा रखा है।
सरकार से उपहार में मिली साईकिल
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक शैलेष परमार ने विधानसभा में कहा कि सरकार की ओर से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछडा वर्ग की स्कूल छात्राओं को केसरिया रंग की साईकिल दी जाती है। भारत के संविधान में समानता का अधिकार है लेकिन केसरिया रंग की साईकिल से जब ये छात्राएं घर से बाहर निकलती हैं तो सबको पता चल जाता है कि यह साईकिल सरकार से उपहार में मिली है तथा छात्राएं किस वर्ग से आती हैं। परमार ने कहा यह समानता के संवैधानिक अधिकार के खिलाफ है, वे यहीं पर नहीं रुके उनका कहना था कि केसरिया रंग से इतना लगाव है तो मंत्रियों की कार भी केसरिया रंग की कर लेनी चाहिए।
बकरी एटीएम जैसी है
क्रषि मंत्री राघवजी पटेल ने विधानसभा में चर्चा के दौरान कहा कि बकरी एटीएम जैसी है। एटीएम में जब चाहो कार्ड डालकर पैसे निकाल सकते हैं वैसे ही बकरी से जब जरुरत हो ताजा दूध दूह सकते हैं। महात्मा गांधी भी बकरी पालते थे तथा उसका दूध पीते थे। बकरी गरीबों की गाय है।