कांग्रेस विधायक ललित वसोया ने जल समाधि लेने का किया था ऐलान
सौराष्ट्र की भादर नदी व डेम में उद्योगों की ओर से छोडे जा रहे रसायन युक्त पानी व कचरे के विरोध में कांग्रेस विधायक ललित वसोया ने शनिवार को जल समाधि लेने का ऐलान किया है।
अहमदाबाद, जेएनएन। सौराष्ट्र की भादर नदी में दूषित पानी छोडने व पचास से अधिक गांवों को भादर डेम को केमिकल युक्त पानी पेयजल के रूप में सप्लाई करने के विरोध में कांग्रेस विधायक ललित वसोया के जलसमाधी लेने से पहले ही पुलिस ने उनकी धरपकड कर ली। विधायक दूधात व पाटीदार नेता हार्दिक पटेल सहित उनके कुछ समर्थकों को भी पुलिस ने पकड लिया है।
सौराष्ट्र के धोराजी से कांग्रेस विधायक ललित वसोया ने भादर नदी व भादर डेम में उद्योगों की ओर से रसायनयुक्त पानी छोडने व प्रशासन की ओर से नदी में कचरा छोडने के खिलाफ वसोया ने भादर बचाओ अभियान चला रखा है।
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, मुख्य सचिव, जिला कलेक्टर आदि को ज्ञापन देकर इस समस्या से निजात दिलाकर पांच लाख से अधिक लोगों को शुद्व पेयजल उपलब्ध कराने की मांग के बावजूद समस्या का समाधान नहीं किए जाने पर वसोया शनिवार को भादर डेम 2 में जलसमाधि लेने पहुंचे थे। हजारों समर्थकों को संबोधित करने के लिए वसोया जब मंच पर पहुंचे तो पुलिस ने उनकी धरपकड कर ली। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल व विधायक प्रताप दूधात भी वसोया के समर्थन में वहां मौजूद थे इसलिए पुलिस ने उनको भी पकड लिया। इस बीच समर्थकों व पुलिस के बीच धक्का मुक्की हुई।
इससे पहले वसोया ने बताया कि भादर नदी व भादर बांध में उद्योगों का रसायनयुक्त पानी छोडा जा रहा है। इसके अलावा कचरा व सोलिड वेस्ट भी नदी में बहाया जा रहा है। वसोया करीब छह माह से राज्य सरकार प्रशासन व गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस समस्या से अवगत कराते हुए बता रहे हैं कि आसपास के करीब 52 गांवों के पांच लाख से अधिक लोग कैंसर, त्वचा रोग, आमाशय की बीमारियों से ग्रस्त बन रहे हैं। शनिवार को उनके जल समाधि के अल्टीमेटम का आखिरी दिन होने से वह जेतपुर भादर डेम -2 में जल समाधि के लिए समारोह स्थल पहुंचे।
पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के भी वसोया के साथ जल समाधि की आशंका थी। वसोया की इस घोषणा से प्रदेश की राजनीति में यकायक सनसनी का माहौल है, वसोया का कहना है कि जहां एक ओर सरकार स्वच्छ भारत अभियान चला रही है वहीं दूसरी उनकी ओर से बार बार अर्जी देने के बावजूद मुख्यमंत्री विजय रुपाणी जिला कलेक्टर, प्रदूषण बोर्ड कोई इस पर ध्याननहीं दे रहा है। प्रदूषण बोर्ड के सदस्य के सी मिस्त्री ने बताया कि उनकी एक टीम भादर नदी व बांध पर पहुंच रही है जो वहां के पानी के सेम्पल लेकर एक माह में सरकार व जीपीसीबी को रिपोर्ट सौंपेगी जिसके बाद इस समस्या का निदान किया जाएगा ।