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रूपाणी के आश्वासन से दूर हुई सोलंकी की नाराजगी

आखिरकार गुरुवार को रूपाणी ने आगामी मंत्रिमंडल विस्तार के वक्त प्रमोशन व मंत्रालय का भरोसा देकर मना लिया।

By BabitaEdited By: Published: Fri, 05 Jan 2018 01:04 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jan 2018 01:33 PM (IST)
रूपाणी के आश्वासन से दूर हुई सोलंकी की नाराजगी

अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। गुजरात सरकार के नाराज मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के आश्वासन पर मान गए हैं। रूपाणी ने उन्हें आगामी मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान प्रमोशन व एक मंत्रालय का भरोसा दिया है। उधर, नेता विपक्ष के चुनाव को लेकर कांग्रेस फंसती नजर आ रही है। परेश धनानि को यह पद नहीं देने पर पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के विरोध का सामना करना पड़ सकता है।

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ये था मामला

गुजरात सरकार में मंत्रालय के बंटवारे को लेकर नाराज उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल को वित्त मंत्रालय देकर मनाने के बाद कोली पटेल समुदाय के नेता व फि शरीज राज्यमंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी भी कैबिनेट मंत्री बनाने तथा मलाई वाले मंत्रालय की मांग को लेकर भाजपा आलाकमान से अड़ गए थे। बुधवार को गांधीनगर में वे अपने समर्थकों से मिलते रहे, लेकिन स्वर्णिम संकुल में हो रही मंत्रिमंडल की बैठक से कन्नी काट गए। इसके एक दिन पहले उन्होंने बाकायदा मुख्यमंत्री से मिलकर नाराजगी जताते हुए कहा था कि उन्हें कैबिनेट मंत्री नहीं बनाने व दमदार मंत्रालय नहीं देने से उनका समाज नाराज है। इसके बाद सोलंकी ने सीएम आवास जाकर भी अपना दुखड़ा सुनाया।

रूपाणी ने मनाया

आखिरकार गुरुवार को रूपाणी ने आगामी मंत्रिमंडल विस्तार के वक्त प्रमोशन व मंत्रालय का भरोसा देकर मना लिया। इसके बाद सोलंकी अपने दफ्तर भी पहुंच गए। भाजपा विधायक जेठा भरवाड़ व उनके समर्थक भी दो दिन से जेठा को मंत्री नहीं बनाने पर नाराजगी जता रहे थे। जेठा का दावा है कि चार बार से जीतते आने के बाद भी उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया, लेकिन पार्टी आलाकमान की घुड़की के बाद उनके तेवर नरम पड़ गए हैं।

वहीं, कांग्रेस विपक्ष के नेता पद के लिए नाम का चुनाव नहीं कर पा रही हैं। युवा विधायक परेश धनानि की परोक्ष दावेदारी के साथ तीन वरिष्ठ नेता कुंवरजी बावलिया, मोहन सिंह राठवा तथा विक्रम माडम भी इसके लिए दावेदार माने जा रहे हैं। कांग्रेस प्रभारी अशोक गहलोत की हाजिरी में हुई बैठक में परेश के समर्थन में विधायक बताए जा रहे हैं, लेकिन वरिष्ठ नेताओं की दावेदारी ने पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है। आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए पार्टी को युवा नेता की दरकार है, लेकिन वरिष्ठ नेता इससे इत्तफाक नहीं रखते।

...तो कांग्रेस का विरोध: हार्दिक पटेल

माना जा रहा है कि मतभेद टालने के लिए कांग्रेस दिल्ली से नेता विपक्ष के नाम की घोषणा करेगी। इसी बीच पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने धनानि को नेता विपक्ष बनाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। सूरत

में राजद्रोह मामले में अपनी पेशी के दौरान उन्होंने चेताया कि अगर धनानि को विपक्ष के नेता का पद नहीं दिया गया तो वह कांग्रेस का विरोध करेंगे। गौरतलब है कि चुनाव के दौरान अमरेली में पाटीदारों की सभा

में हार्दिक ने धनानी को मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी बताया था।

कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने हार्दिक की चेतावनी से अनभिज्ञ होने की बात कही जबकि प्रभारी व नेता विपक्ष चुनने के लिए निरीक्षक अशोक गहलोत ने सख्त लहजे में कहा कि यह पार्टी के अंदर का मामला है। कोई बाहरी व्यक्ति इस प्रकार दबाव नहीं बना सकता। गहलोत ने हार्दिक के बयान पर कहा कि अब वह कौन सी लड़ाई लडऩा चाहते हैं। उन्होंने कहा कि काबिलियत से ही नेता विपक्ष चुना जाएगा, किसी के

दबाव से नहीं। कोई विधायक भी भ्रम में न रहे की पार्टी दबाव में आ जाएगी। गहलोत ने कहा पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधायकों की राय ली है। तीन और विधायकों से चर्चा के बाद कांग्रेस आलाकमान आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा करेगा।

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