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अरुणाचल के पुलिस अधिकारियों को गांधीनगर में दिया जा रहा है खास प्रशिक्षण, चीनी दखल को करेंगे नियंत्रित

गांधीनगर के राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में अरुणाचल प्रदेश के 16 पुलिस उपाधीक्षक फॉरेंसिक साइंस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस साइबर क्राइम एंड इन्वेस्टिगेशन सीसीटीवी ऑडिटिंग एंड इन्वेस्टिगेशन के साथ चाइनीज भाषा भी सीख रहे हैं। ताकि चीनी दखल को नियंत्रण में लेने के लिए भारत की सुरक्षा एजेंसियों के प्रयास कारगर हो सकें।

By Babita KashyapEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 12:46 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 12:46 PM (IST)
अरुणाचल प्रदेश की हाला पुलिस अधिकारी फोरेंसिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर क्राइम, चीनी भाषा सीख रहे हैं

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में अरुणाचल प्रदेश की हाला पुलिस अधिकारी फोरेंसिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर क्राइम, चीनी भाषा सीख रहे हैं ताकि सीमावर्ती क्षैत्र में लोगों की सुरक्षा के साथ आतंकवाद व साइबर हमले का मुकाबला कर सके। 13 से 24 सितंबर तक चले इनके प्रशिक्षण के बाद ग्लोबल काउंटर टेररिज्म काउंसिल के सलाहकार सदस्य कृष्ण वर्मा उनको राष्ट्रीय सुरक्षा व ग्लोबल टेररिज्म के संबंध में बारीकियां समझाएंगे। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू इस सत्र में वर्च्युअली उपस्थित रहेंगे।

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अरुणाचल प्रदेश के 16 पुलिस उपाधीक्षक गांधीनगर के पास स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में पिछले कुछ दिनों से फॉरेंसिक साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर क्राइम एंड इन्वेस्टिगेशन, सीसीटीवी ऑडिटिंग एंड इन्वेस्टिगेशन के साथ चाइनीज भाषा भी सीख रहे हैं ताकि अरुणाचल प्रदेश में बढ़ रही चीनी दखल को नियंत्रण में लेने के लिए भारत की सुरक्षा एजेंसियों के प्रयास कारगर हो सकें। अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर बी डी मिश्रा की पहल पर पुलिस अधिकारियों के लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। ग्लोबल काउंटर टेररिज्म काउंसिल के सलाहकार सदस्य कृष्ण वर्मा इन अधिकारियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस साइबर क्राइम व फॉरेंसिक साइंस संबंधी बारीकियां समझाएंगे।

ट्रेनिंग के दौरान अरुणाचल प्रदेश के इन पुलिस अधिकारियों को अपराधिक घटनाओं से निपटने तथा सीमावर्ती इलाकों में आतंकी वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए विज्ञान एवं तकनीक का उपयोग संबंधी जानकारी इसमें दी गई। साइबर क्राइम पुलिस के लिए अपने आप में एक चुनौती भरा विषय बनकर उभरा है। रक्षा यूनिवर्सिटी में साइबर क्राइम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित उच्च तकनीक एवं अनुभव पर आधारित विविध प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। अरुणाचल प्रदेश की सबसे बड़ी चुनौती सीमा के उस पार चीन की ओर से की जा रही दखल को रोकने की भी रही है। इसीलिए इन अधिकारियों को यहां पर चीनी भाषा का भी ज्ञान कराया गया ताकि चीन की ओर से भेजे जाने वाले संदेश व कोल्ड वर्ल्ड को इंटरसेप्ट करने के साथ डिकोड भी किया जा सके।

कई अपराधों को सुलझाने में सीसीटीवी फुटेज अहम साबित हो रहे हैं ऐसे में सीसीटीवी फुटेज की ऑडिटिंग और इन्वेस्टिगेशन यह दोनों ही महत्वपूर्ण विषय हैं जिनकी जानकारी भी इन पुलिस अधिकारियों को दी गई। साइबर जॉन में रणनीतिक भाषा का काफी महत्व रहता है इससे किसी भी आपत्तिजनक संदेश को तुरंत पढ़कर समय रहते उसके खिलाफ कार्रवाई करने में मदद मिलती है। रक्षा यूनिवर्सिटी देश की ऐसी पहली यूनिवर्सिटी जहां पर देश में दुनिया के अत्याधुनिक तकनीक से युक्त इंटेलिजेंस उपकरण वह सुपर कंप्यूटर जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की पहल पर ही गुजरात सरकार के रक्षा विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय का दर्जा मिला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहे थे इसकी स्थापना की थी।

देश के हर एक राज्य में रक्षा यूनिवर्सिटी से संबंध कॉलेज खोले जाने की भी योजना है। देश के हर एक राज्य व केंद्र शासित प्रदेश के पुलिस अधिकारी कर्मचारी व जांच एजेंसियों के अधिकारियों यहां फॉरेंसिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस साइबरक्राइम सीसीटीवी इन्वेस्टिगेशन के साथ काउंटर टेररिज्म एवं नारको टेरेरिज्म के खिलाफ की प्रशिक्षण देने की व्यवस्था उपलब्ध है। छात्र छात्राओं के लिए भी इन विषयों पर विविध डिग्री व डिप्लोमा कोर्स कराए जा रहे हैं ताकि इस क्षेत्र में युवा अपना कैरियर बना सकें।


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