Coronavirus: गुजरात में कोरोना के 949 नए मामले, 17 लोगों की गई जान
Coronavirus बीते चौबीस घंटे में राज्य में कोरोना संक्रमण के 949 मामले सामने आए जबकि कोरोना के चलते और 17 लोगों की मौत हो गई। अब तक 2108 की जान जा चुकी है।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Coronavirus: गुजरात में कोरोना संक्रमितों की संख्या 46516 हो गई है। अब तक करीब 32944 स्वस्थ होकर घर पहुंचे हैं। बीते चौबीस घंटे में राज्य में कोरोना संक्रमण के 949 मामले सामने आए, जबकि कोरोना के चलते और 17 लोगों की मौत हो गई। राज्य में कोरोना के चलते अब तक 2108 लोगों की मौत हो चुकी है। गुजरात में अब तक पांच लाख 12 हजार लोगों की जांच हो चुकी है तथा एहतियात के तौर पर तीन लाख 75 हजार को क्वारंटाइन किया गया है। इधर, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शुक्रवार को केंद्रीय टीम से मुलाकात से पहले सूरत में एक सौ करोड़ की लागत से 15 दिन में तैयार 1000 बेड की क्षमता वाले स्पेशल कोविड 19 हॉस्पिटल का गांधीनगर से ई लोकार्पण किया। इसमें 211 बेड आईसीयू होंगे।
अकेले सूरत में अब 3300 बेड उपलब्ध हैं, जिनमें आठ सौ प्राइवेट हैं। रूपाणी ने टीम के सदस्यों को बताया कि अहमदाबाद में माइक्रोप्लानिंग, घर-घर तक धनवंतरी रथ के माध्यम से जांच व उपचार सुविधा पहुंचाने, एपीएक्स सर्वेलेंस, कंटेनमेंट स्ट्रेटेजी, कोविड वॉर रूम तथा 104 हेल्पलाइन की मदद से कोरोना पर काबू पाया अब सूरत में भी उसी प्लानिंग से काम कर रहे हैं। इस बीच, सूरत-अहमदाबाद में कोरोना विस्फोट को रोकने तथा कोविड19 से निजात पाने के लिए किए जा रहे गुजरात के चिकित्सकों के प्रयासों की समीक्षा के लिए आइसीएमआर के महानिदेशक, एम्स के निदेशक सहित चार सदस्यीय केंद्रीय टीम गुजरात पहुंची। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की पहल पर पहले भी दो बार केंद्रीय टीम गुजरात का दौरा कर चुकी है।
केंद्रीय टीम के सदस्य इंडियन काउंसिंल ऑफ मेडिकल रिसर्च आइसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने गुजरात के चिकित्सक व मेडिकल जगत के विशेषज्ञों से कई तरह के फीडबैक लिए तथा अपने अनुभव साझा किए। केंद्रीय टीम ने कोरोना संक्रमण के केसों को घटाने पर जोर दिया तथा सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क व सैनिटाइजर को आम जीवन में अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि मधुमेह, अस्थमा, मोटापा, रक्तचाप, हृदय संबंधी बीमारी से पीड़ित लोगों को अपना खास ध्यान रखना चाहिए तथा लगातार चिकित्सकों के संपर्क में रहना चाहिए। टीम के सदस्यों ने कोरोना के उपचार में कारगर इंजेक्शन के उपयोग व कालाबाजारी जैसे मुद्दों पर भी चिकित्सकों व विविध मेडिकल एसोसिएशनों के पदाधिकारियों से चर्चा की।
अहमदाबाद के बाद सूरत में अचानक कोरोना के बढ़ते केसों के बीच एक बार फिर केंद्रीय टीम गुजरात के दौरे पर है। केंद्रीय टीम के सदस्य सूरत, अहमदाबाद के सिविल अस्पतालों का दौरा कर यहां कोरोना महामारी से पीड़ित मरीजों के उपचार के तरीकों व साधनों का अध्ययन कर रही है, साथ ही मरीजों को दिए जा रहे टॉसिलीजुमेब इंजेक्शन के परिणामों की भी समीक्षा कर रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुजरात में कोरोना की स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं तथा जरूरत पड़ने पर केंद्रीय टीम व विशेषज्ञों को भी राज्य के दौरे पर भेजकर कोविड 19 की स्थिति की समीक्षा कराते हैं। इससे पहले भी दो बार केंद्रीय टीम दौरा कर चुकी है तथा स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव लव कुमार भी हालात का जायजा लेने आए थे।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि उनका मानना है कि टॉसिलीजुमेब वंडर ड्रग की मान्यता के चलते जरूरतमंद मरीज इससे वंचित रह जाते हैं, और कुछ लोग इसका गैरउपयोग करते हैं। इससे बाजार में नफाखोरी की मानसिकता भी बढ़ी है। इंजेक्शन का योग्य तरीके से व चिकित्सकों की सलाह पर ही उपयोग किया जाना चाहिए, अन्यथा इसके नुकसान भी हो सकते हैं। शुक्रवार सुबह टीम के सदस्यों ने सूरत सिविल अस्पताल का दौरा कर यहां कोविड19 वायरस से संक्रमितों को मुक्त बनाने के लिए किए जा रहे चिकित्सकीय तरीकों का अध्ययन किया। इसके अलावा मेडिकल एसोसिएशनों के सदस्यों से मुलाकात कर कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए उनसे भी सलाह-मशविरा किया।