Coronavirus: गुजरात में बीते 24 घंटे में कोरोना के 861 नए मामले
Coronavirus गुजरात में कोरोना संक्रमितों की संख्या 39280 पहुंच गई जबकि मौत का आंकड़ा 2010 को छू गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री भरत सिंह सोलंकी की हालत में सुधार हो रहा है।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Coronavirus: गुजरात के सूरत में एक ही दिन में कोरोना संक्रमण के 308 मामले सामने आए हैं, जबकि राज्य में बीते चौबीस घंटे में कुल 861 मामले प्रकाश में आए हैं। राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 39280 पहुंच गई, जबकि मौत का आंकड़ा 2010 को छू गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री भरत सिंह सोलंकी की हालत में सुधार हो रहा है, वे वेंटीलेटर पर हैं। गुजरात में पिछले चौबीस घंटे में कोरोना वायरस के चलते 15 और संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। राज्य में कोविड 19 के एक्टिव केसों की संख्या 9528 है, जबकि 72 की हालत गंभीर होने से वेंटीलेटर पर रखा गया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भर तसिंह सोलंकी पिछले तीन दिनों से वेंटीलेटर पर हैं। ऑक्सीजन का लेवल कम होने के बाद उन्हें वेंटीलेटर पर शिफ्ट किया गया था। अस्थमा की शिकायत होने से उनके फेफड़ों पर कोविड 19 का असर है। अहमदाबाद में कोरोना के 22580 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि अब तक 1507 लोगों की मौत हो चुकी है। सूरत में अब तक 7038 मामले सामने आए, जबकि मौत का आंकड़ा 208 का है। गांधीनगर में कोरोना संक्रमण के 795 मामले प्रकाश में आ चुके हैं, जबकि मौत का आंकड़ा 33 पहुंचा है। राजकोट, भावनगर, मेहसाणा, पंचमहाल व पाटण में भी मौत का आंकड़ा 13 से 18 तक का है। राज्य में दो लाख 99 हजार लोग क्वारंटाइन किए गए हैं।
जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी
गुजरात में कोरोना महामारी के बीच जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी का मामला प्रकाश में आया है। कांग्रेस का आरोप है कि 40 हजार रुपये मूल्य के टॉसीलिजुमैब इंजेक्शन सरकारी अस्पताल से बाजार में कैसे पहुंच गया तथा राज्य में कोविड19 से मारे गए कितने मरीजों को इसका उपचार मिला। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार करीब 12 सौ लोगों को यह इंजेक्शन उपलब्ध करा चुकी है। गुजरात कांग्रेस के महासचिव निशीत व्यास ने कहा कि राज्य के खाध्य एवं औषध आयुक्त हेमंत कोशिया ने बुधवार को सूरत में एक महिला को पकड़कर जीवनरक्षक दवा टॉसीलिजुमैब इंजेक्शन की कालाबाजारी होने की पुष्टि की है।
उनका यह भी कहना है कि अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले घनश्याम वयास के खाते में प्रति इंजेक्शन 45 हजार रुपये जमा होते हैं। फूड एंड ड्रग विभाग मामले की जांच कर रहा है। कांग्रेस महासचिव व्यास का सवाल है कि 40 हजार का इंजेक्शन सरकारी अस्पताल से बाहर मेडिकल या फार्मा कंपनी के पास कैसे पहुंच गया। उन्होंने कहा पुलिसकर्मियों को नकली सैनिटाइजर देने से लेकर मास्क, वेंटीलेटर व अब जीवनरक्षक दवाओं में भी घोटाला सामने आरहा है। इधर, उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल का कहना है कि सरकार ने ढाई हजार से अधिक इंजेक्शन का ऑर्डर किया था, लेकिेन अभी पूरी सप्लाई नहीं हो सकी है। सरकार को मिली इस खेप में से डॉक्टरों की सलाह पर 191 इंजेक्शन मरीजों को दिए गए, जबकि हाल 137 स्टोर में है। एक इंजेक्शन की कीमत करीब 45 हजार होती है।