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Coronavirus: गुजरात में बीते चौबीस घंटे में कोरोना के 681 नए मामले

Coronavirus बीते चौबीस घंटे में गुजरात में कोरोना संक्रमण के 681 नए केस सामने आए तथा 19 लोगों की मौत हुई। अहमदाबाद में 211 नए कोरोना संक्रमित पाए गए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 09:09 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 09:09 PM (IST)
Coronavirus: गुजरात में बीते चौबीस घंटे में कोरोना के 681 नए मामले

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Coronavirus: गुजरात में कोरोना संक्रमण के मामले 33999 पहुंच गए हैं, जबकि मौत का आंकड़ा 1888 हो गया। गुजरात सरकार अब कोरोना के सामान्‍य लक्षण आने पर होम आइसोलेशन के कॉन्‍सेप्‍ट को ही अपनाएगी, ताकि संक्रमित व्‍यक्ति को घर पर बेहतर सुविधा मिल सके। इधर, बीते चौबीस घंटे में गुजरात में कोरोना संक्रमण के 681 नए केस सामने आए तथा 19 लोगों की मौत हुई। अकेले अहमदाबाद में 211 नए कोरोना संक्रमित पाए गए तथा सात की मौत हो गई। राज्‍य में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्‍या 7510 है, जिनमें से 68 की हालत गंभीर होने से उन्‍हें वेंटीलेटर पर रखा गया है।

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अहमदाबाद में अब तक कोरोना के 21339 केस सामने आए, इनमें से 1457 की मौत हो गई जबकि 16254 स्‍वस्‍थ होकर घर लौट गए। सूरत में संक्रमितों की संख्‍या 5247 हो चुकी है, जबकि मौत का आंकड़ा 173 है। वडोदरा में संक्रमित 2381 हैं, जबकि 51 लोगों की मौत हुई है। गांधीनगर में 677 कोरोना संक्रमित सामने आ चुके हैं, इनमें से 31 की मौत हुई है। स्‍वास्‍थ्‍य सचिव डॉ जयंती रवि ने कहा कि सूरत सिविल कोविड 19 अस्‍पताल को नए 600 बेड व 180 आईसीयू यूनिट उपलब्‍ध कराए जाएंगे। सरकार अब कोरोना के सामान्‍य लक्षण आने पर होम आइसोलेशन के कॉन्‍सेप्‍ट को ही अपनाएगी, ताकि संक्रमित व्‍यक्ति को घर पर बेहतर सुविधा मिल सके तथा उससे कोई ओर संक्रमित नहीं हो।

राज्‍य में पहली बार सूरत में कम्‍यूनिटी आईसोलेशन सेंटर की भी सुविधा शुरू की जाएगी। अहमदाबाद की तरह सूरत में भी धन्‍वंतरी रथ के जरिए घर-घर जाकर मुफ्त जांच व उपचार किया जाएगा। इस मॉडल से अहमदाबाद में कोरोना संक्रमण व मौसमी बीमारियों से काबू पाने में सफलता मिली है। सूरत के 37 निजी हॉस्‍पिटल के 2000 बेड भी कोरोना मरीजों के लिए सुरक्षित किए गए हैं।

व्‍यवस्‍थाओं में खामी निकाली तो सात दिन में ही अस्‍पताल से कर दिया डिस्‍चार्ज
सूरत के एक कोरोना संक्रमित को सरकारी अस्‍पताल की बदहाली व कोरोना मरीजों को लेकर की गई व्‍यवस्‍थाओं में खामी को सोशल मीडिया में उजागर करना भारी पड़ गया। अस्‍पताल प्रबंधन ने 14 दिन के बजाए सात दिन में ही अस्‍पताल से डिस्‍चार्ज कर दिया। यह तब है, जब स्‍वास्‍थ्‍य सचिव डॉ जयंती रवि तीन दिन से सूरत में हैं। सूरत के मजूरा गेट पर स्थित नई सिविल स्‍पेशल कोरोना हॉस्‍पिटल में एक सप्‍ताह पहले योगेश मुंजपरा कोरोना संक्रमण के चलते भर्ती किए गए थे। अस्‍पताल के भीतर वार्ड की सीलिंग टूटी होने, वार्ड में बिल्‍ली के घूमने, खाने में बाल आने, मास्‍क व चादर तीन तीन दिन तक नहीं बदलने तथा टॉयलेट साफ नहीं होने की खामियों को योगेश ने सोशल मीडिया पर उजागर कर दिया।

उनका कहना है कि मास्‍क हर छह घंटे में तथा चादर रोज बदलनी चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं करके अस्‍पताल प्रबंधन लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहा है। अस्‍पताल प्रबंधन को शिकायत करने पर उनका साफ कहना था कि साफ-सुथरा चाहिए तो अपने घर चले जाओ, यहां मुफ्त में तो ऐसा ही मिलेगा। सोशल मीडिया पर अस्‍पताल की खामियां उजागर करने पर योगेश को सात दिन में ही अस्‍पताल से डिस्‍चार्ज कर दिया। उनका आरोप है कि कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उन्‍हें अस्‍पताल में 14 दिन रखना था, लेकिन इस घटना के बाद सात दिन में ही डिस्‍चार्ज कर दिया। उन्‍होंने इसकी शिकायत राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग को की है। गौरतलब है कि राज्‍य की स्‍वास्‍थ्‍य सचिव डॉ जयंती रवि तीन दिन से सूरत में हैं। सूरत में कोरोना संक्रमण के लगातार केस बढ़ रहे हैं, इसके चलते वे सूरत में ही कैंप कर रही हैं। 


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