विमान से गिरकर मरने वालों में अफगानिस्तान का होनहार फुटबालर भी, तालिबानियों के सामने नहीं चाहता था झुकना
अफगानिस्तान की राष्ट्रीय फुटबाल के युवा खिलाड़ी जकी अनवर की मौत विमान से गिरने की वजह से हो गई। उसने देश छोड़ने का फैसला किया था और भीड़ में शामिल कई अन्य लोगों की तरह काबुल से उड़ान भर रहे अमेरिकी विमान से लटका था।
नई दिल्ली, जेएनएन। अफगानिस्तान में चल रहे मौजूदा हालात ने पूर दुनिया को तकलीफ पहुंचाई है। तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे की खबरों के बीच इस देश ने अपने एक होनहाल फुटबाल खिलाड़ी को खो दिया। अफगानी सैनिक भले ही तालिबान के सामने घुटने टेक गए हों, लेकिन वह युवक हार नहीं मानना चाहता था। अफगानिस्तान की राष्ट्रीय फुटबाल टीम में रहते हुए जकी अनवर मैदान पर हमेशा विपक्षी टीम से लोहा लिया करता था और आतंकी तालिबानियों के सामने भी कतई झुकना नहीं चाहता था।
उसने देश छोड़ने का फैसला किया और भीड़ में शामिल कई अन्य लोगों की तरह काबुल से उड़ान भर रहे अमेरिकी विमान से लटक गया। यह फैसला उसके लिए घातक साबित हुआ और कई अन्य लोगों की तरह उसे भी जिंदगी गंवानी पड़ी। काबुल हवाईअड्डे से गत सोमवार को उड़ान भर रहे अमेरिकी वायुसेना के बोइंग सी-17 विमान से अफगानियों के चीटियों की तरह चिपकने का दृश्य शायद ही कोई भूला होगा।
यह तालिबान का खौफ ही था कि लोग अपने ही देश की सरहद को पार करने के लिए जान जोखिम में डाल रहे थे। जैसी आशंका थी, विमान से गिरकर कई लोगों की मौत भी हो गई। इनमें से दो लोग काबुल निवासी वली सालेक के घर की छत पर गिरे थे। उनका घर हवाईअड्डे से करीब चार किलोमीटर दूर है।
वली की छत पर गिरे दोनों युवकों में एक डाक्टर :
काबुल में सिक्योरिटी गार्ड का काम करने वाले 47 वर्षीय वली ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 16 अगस्त की दोपहर वह परिवार के साथ घर में आराम कर रहे थे। अचानक छत पर कुछ गिरने की जोरदार आवाज आई। जैसे कोई टायर फटा हो। उन्होंने छत पर जाकर देखा तो दो लोग मृत पड़े थे। उनके पेट और सिर फट चुके थे। उन्हें देख वली की पत्नी व बेटी बेहोश हो गईं।
वली के अनुसार, 'पड़ोसियों ने बताया कि दोनों हवाई जहाज से गिरे हैं। हम उनके शव को पास वाली मस्जिद में ले गए। एक की जेब में उसका जन्म प्रमाण पत्र था, जिसमें शफीउल्लाह होतक नाम दर्ज था। वह पेशे से डाक्टर था। दूसरे युवक का नाम फिदा मोहम्मद था। दोनों दी उम्र 30 साल से कम थी।'
वह बताते हैं कि राजधानी काबुल सहित पूरे अफगानिस्तान में लोग खौफजदा हैं। अगर मौका मिला तो वह भी देश छोड़ देंगे।