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फीफा विश्व कप 2018: फ्रांस दूसरी बार बना विश्व विजेता, क्रोएशिया को 4-2 से हराया

फ्रांस ने क्रोएशिया को 4-2 से हराकर फीफा विश्व कप खिताब पर कब्जा जमाया।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Sun, 15 Jul 2018 06:32 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 08:25 AM (IST)
फीफा विश्व कप 2018: फ्रांस दूसरी बार बना विश्व विजेता, क्रोएशिया को 4-2 से हराया

अनादि बरुआ ( पूर्व भारतीय फुटबॉलर)

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फ्रांस का पिछले 20 साल से चला आ रहा इंतजार रूस के लुज्निकी स्टेडियम में आखिरकार समाप्त हो गया। फीफा विश्व कप 2018 के फाइनल में क्रोएशिया को 4-2 से हराकर फ्रांस ने दूसरी बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। एंटोनी ग्रीजमैन, पॉल पोग्बा और एमबापे के तेज और आक्रामक खेल की बदौलत दिदिएर डेसचैंप्स की इस युवा टीम ने लुका मॉड्रिक के नेतृत्व वाली क्रोएशियाई टीम को हराकर विश्व चैंपियन बना दिया। जब 1998 में फ्रांस पहली बार विश्व चैंपियन बना था तब क्रोएशिया ने विश्व कप में पदार्पण किया था। 

पहली बार विश्व कप फाइनल खेलने उतरी क्रोएशियाई टीम ने इस मुकाबले में फ्रांस से ज्यादा आक्रमण किए लेकिन फ्रांस ने मिले मौकों का सही तरीके से फायदा उठाया।

मांड्ज्यूकिक का आत्मघाती गोल  

किसी विश्व कप फाइनल का पहला हाफ इससे बेहतर नहीं हो सकता था। चंद मिनटों में ही क्रोएशिया की टीम ने दिखा दिया कि वह फ्रांस के लिए कितनी मुश्किलें खड़ी करने वाली है। 11वें मिनट में क्रोएशियाई डिफेंडर स्टि्रनिक ने अपने मिडफील्डर इवान पेरिसिक को एक लॉफ्टेड पास दिया लेकिन वह गेंद को संभाल नहीं सके। शुरुआती 19 मिनट के खेल में क्रोएशिया गोल करने के कई मौके बना चुकी थी लेकिन यहीं फ्रांस ने मुकाबले में अपनी धमक दिखाई।

ब्रोजोविक को फ्रांस के स्टार ग्रीजमैन को गिराना महंगा पड़ा। दायें फ्लैंक से ग्रीजमैन ने फ्री किक ली जिस पर पिछले मुकाबले के हीरो रहे मांड्ज्यूकिक का सिर लगा और गेंद उन्हीं की गोल पोस्ट में समा गई। ग्रीजमैन की फ्री किक ने काम कर दिया था लेकिन मांड्ज्यूकिक की गलती ने क्रोएशिया को मुश्किल में डाल दिया। मांड्ज्यूकिक विश्व कप के फाइनल में आत्मघाती गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए थे।

पेरिसिक का प्रहार 

फ्रांस की टीम फाउल की वजह से मिली फ्री किक पर गोल करके 1-0 से आगे चल रही थी लेकिन क्रोएशिया ने इसे बराबर करने में ज्यादा देर नहीं लगाई। 27वें मिनट में कांटे ने क्रोएशियाई खिलाड़ी पेरिसिक को गिराया जिसके बाद फ्रांसीसी खिलाड़ी को यलो कार्ड दिखाया गया और क्रोएशिया को फ्री किक मिली।

मांड्ज्यूकिक की फ्री किक के बाद विडा ने गेंद पेरिसिक की ओर भेजी जो कि लेफ्ट बॉक्स में खड़े थे। उन्होंने पहले गेंद को सीने के सहारे संभाला और फिर बायें पैर से फ्रांस के गोलकीपर हुगो लॉरिस को छकाते हुए गोल पोस्ट के दाहिने कॉर्नर में गेंद पहुंचाकर क्रोएशिया को 1-1 की बराबरी पर ला दिया। पेरिसिक का यह क्रोएशिया के लिए बड़े टूर्नामेंटों में 11वां गोल था और वह अपने देश के लिए बड़े टूर्नामेंटों में 11 गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए।

ग्रीजमैन ने दिलाई बढ़त 

38वें मिनट में खेल ने एक बार फिर करवट बदली। पेनाल्टी पर ग्रीजमैन ने गोल करके अपनी टीम को हाफ टाइम से पहले 2-1 से आगे कर दिया था। हुआ यूं कि ग्रीजमैन द्वारा ली गई कॉर्नर किक पेरिसिक के हाथों से टकराई और रेफरी ने वीडियो असिस्टेंट रेफरी (वार) का पहली बार विश्व कप फाइनल में इस्तेमाल करते हुए फ्रांस को पेनाल्टी किक दी। अब तक इस विश्व कप में एक भी पेनाल्टी नहीं चूकने वाले ग्रीजमैन ने क्रोएशियाई गोलकीपर की दायीं ओर से गेंद को गोल पोस्ट में पहुंचाया और दिदिएर डेसचैंप्स के खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई।

पोग्बा और एमबापे की बारी 

मुकाबले में अब तक दिखाई नहीं देने वाले फ्रांस के युवा सितारे एमबापे ने 53वें मिनट में अकेले गेंद संभाली और बॉक्स के अंदर भी चले गए लेकिन सुबासिक ने गेंद की लाइन में अपना पैर अड़ाया और गोल का मौका हाथ से निकल गया। पहले हाफ में फ्रांस ने ग्रीजमैन और क्रोएशिया की गलती का फायदा उठाकर गोल दागे तो दूसरे हाफ में बारी मिडफील्डर पॉल पोग्बा और युवा सितारे एमबापे की थी।

59वें मिनट में दायें फ्लैंक से एमबापे ने किक लगाई जो क्रोएशिया के डिफेंडरों से टकराने के बाद गेंद पोग्बा के पास गई जिसे उन्होंने गोल के अंदर पहुंचाकर फ्रांस को 3-1 से आगे कर दिया। किक इतनी तेज थी कि क्रोएशियाई गोलकीपर सुबासिक हिल भी नहीं पाए। छह मिनट बाद एमबापे ने लेफ्ट फ्लैंक से अपने साथी खिलाड़ी हर्नाडेज से मिले पास पर एमबापे ने सुबासिक की दायीं ओर से गोल पोस्ट में डाला और फ्रांस 4-1 की विशाल बढ़त पर जा बैठा।

लॉरिस की बड़ी गलती 

69वें मिनट में क्रोएशिया को इस महा मुकाबले में दूसरी बार जश्न मनाने का मौका मिला। अपने डिफेंडर से मिले बैक पास पर फ्रांस के गोलकीपर लॉरिस ने अपने से दूर मारने में देरी कर दी और गेंद मांड्ज्यूकिक के पैर से लगकर फ्रांस के गोलकीपर में पहुंच गई।

आत्मघाती गोल करने के बाद मांड्ज्यूकिक ने इस गोल के जरिये अपनी गलती तो सुधारी लेकिन लॉरिस की यह गलती टीम पर भारी पड़ सकती थी। हालांकि अंत तक क्रोएशियाई खिलाड़ी वापसी करने के मौके तलाशते रहे लेकिन अपने मजबूत डिफेंस के दम पर फ्रांस ने यूरो कप 2016 की गलती से आगे निकलकर विश्व कप पर कब्जा जमाया। 

काम आया प्रयोग 

क्रोएशिया की टीम के कोच ज्लाटिको डालिक ने हर मैच में औसतन तीन बार अपनी शैली बदली। वहीं फ्रांस के कोच दिदिएर डेसचैंप्स प्रयोग करने वालों में शुमार हैं, लेकिन वे केवल दो पारंपरिक शैली 4-3-3 और 4-4-2 तक सीमित रहे। पूरे टूर्नामेंट में इन्हीं दो फॉर्मेशन पर टीम को खिलाने वाले डेसचैंप्स ने फाइनल में पहला प्रयोग किया और क्रोएशियाई टीम की शैली को ही अपना लिया। फाइनल में फ्रांस ने 4-2-3-1 की शैली रखी जिसे उनकी टीम ने 4 गोल दागकर सही साबित किया।

फ्रांस की जीत के पांच मुख्य कारण

-मुख्य दोनों फॉरवर्ड ग्रीजमैन, एमबापे और हाफ में पोग्बा ने कम प्रयास किए लेकिन जो भी प्रयास किए वे सफल रहे

-एमबापे और पोग्बा के गोल ऐसे थे जिसके सामने क्रोएशियाई गोलकीपर के पास कोई मौका नहीं था

-ग्रीजमैन ने पूरे आक्रमण में ही नहीं डिफेंस में भी अच्छा सहयोग किया

-मांडुज्युकिक के आत्मघाती गोल ने फ्रांस को मैच में बढ़त दिलाई

-38वें मिनट गेंद पेरिसिक के हाथ से टकराई जिसके बाद वार का इस्तेमाल कर फ्रांस को पेनाल्टी मिली जिस पर ग्रीजमैन ने गोलकर 2-1 से बढ़त ले ली

नंबर गेम-

- उरुग्वे और अर्जेटीना के बाद दो विश्व कप जीतने वाला तीसरा देश बना फ्रांस।

- 03 खिलाडि़यों की उस सूची में फ्रांस के कोच दिदिएर डैसचैंप्स शामिल हो गए हैं जिन्होंने बतौर कप्तान और कोच विश्व कप खिताब जीता। उनसे पहले ब्राजील के मारियो जागालो और जर्मनी के फ्रेंज बेकेनबाउर ने यह मुकाम हासिल किया था।

- 14 गोल फ्रांस ने मौजूदा विश्व कप में किए। उसके लिए ग्रीजमैन और एमबापे ने सर्वाधिक चार-चार गोल दागे।

- 01 आत्मघाती गोल मांड्ज्यूकिक ने किया। वह विश्व कप के फाइनल में आत्मघाती गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बने।

- 2002 विश्व कप के बाद पहली बार फाइनल का नतीजा निर्धारित समय में निकला। 2014 और 2010 के फाइनल का नतीजा अतिरिक्त समय में आया था बाकी 2006 में पेनाल्टी शूटआउट से नतीजा निकला था।

- फाइनल में फ्रांस ने क्रोएशिया को 4-2 से हराकर दूसरी बार जीता खिताब

- 06 गोल के साथ इंग्लैंड के कप्तान हैरी केन को गोल्डन बूट अवॉर्ड मिला। केन ने इस विश्व कप में सबसे ज्यादा गोल दागे

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