सैफ कप: भारत का खिताब जीतने का सपना टूटा, फाइनल में मालदीव से मिली हार
इससे पहले मालदीव की टीम 2008 में भी चैंपियन बनी थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। खराब फीनिशिंग और डिफेंस में तालमेल की कमी की वजह से भारतीय फुटबॉल टीम का आठवीं बार साउथ एशियन फुटबॉल फेडरेशन (सैफ) कप का चैंपियन बनने का ख्वाब टूट गया। पूर्व चैंपियन भारत को फाइनल में मालदीव ने 2-1 से हराया।
पूरे मैच के दौरान भारत ने गेंद को ज्यादातर समय अपने कब्जे में रखा और विरोधी गोल पोस्ट पर ज्यादा निशाने भी लगाए लेकिन मालदीव ने मिले कुछ मौकों का फायदा उठाते हुए दूसरी बार सैफ कप का खिताब अपने नाम किया।
इससे पहले मालदीव की टीम 2008 में भी चैंपियन बनी थी। शनिवार को बंगबंधु स्टेडियम में खेले गए फाइनल में मालदीव के लिए इब्राहिम माहुधी हुसैन ने 19वें और अली फासिर ने 66वें मिनट में गोल किए जबकि भारत की ओर से इकलौता गोल इंजुरी टाइम (90+2) में सुमित पासी ने किया।
सैफ चैंपियनशिप के 12वें आयोजन में भारतीय टीम अपने आठवें और लगातार तीसरे खिताब की तलाश में थी लेकिन अग्रिम पंक्ति कई मौकों पर गेंद को गोल पोस्ट में पहुंचाने में नाकाम रही जबकि डिफेंडरों की तालमेल में भी कमी नजर आई। ग्रुप चरण में भारत ने इस आयोजन में मालदीव को 2-0 से हराया था।
कोच स्टीफन कोंस्टेंटाइन की देखरेख में खेल रही भारतीय टीम ने ग्रुप चरण और सेमीफाइनल में शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन उसके बाद संभवत: इस टूर्नामेंट में यह उसका सबसे खराब मुकाबला रहा। फाइनल से पहले भारतीय टीम इस टूर्नामेंट में अविजित रही थी और उसे खिताब की प्रबल दावेदार थी। पिछले तीन मुकाबलों में भारतीय टीम के खिलाफ केवल एक गोल हुआ था।
खेल के पांचवें मिनट में ही निखिल पुजारी के क्रॉस को सलाम रंजन ने जाया किया जबकि 30वें मिनट में फारुख चौधरी ने एक नजदीकी मौका गंवाया जिससे भारत के हाथ से बराबरी करने का मौका निकल गया। इब्राहिम द्वारा पहले हाफ में गोल खाने के बाद दूसरे हाफ में अली ने गोल करके भारत के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी। बदलाव के तौर पर खेलने आए सुमित ने इंजुरी टाइम में गोल तो किया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।