विश्व कप में मेसी के खराब प्रदर्शन से हैं खफा, तो पढ़ लीजिए ये खबर
2005 में अर्जेटीना के लिए पदार्पण करने वाले मेसी ने राष्ट्रीय टीम के लिए 127 मैच खेलते हुए 65 गोल किए हैं।
नई दिल्ली, योगेश शर्मा। बार्सिलोना क्लब को नौ बार ला लीगा, चार बार यूएफा चैंपियंस लीग, छह बार कोपा डेल रे की ट्रॉफी दिलाने वाले अर्जेंटीनी सुपर स्टार लियोन मेसी का क्लब रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है लेकिन सबसे ज्यादा दबाव वाले टूर्नामेंट फुटबॉल महाकुंभ में जब वह मैदान में उतरते हैं तो उन के पैरों का जादू गायब होने लगता है। दुनिया ने मेसी मैजिक को बार्सिलोना क्लब के लिए कई अहम मुकाबलों में देखा है, लेकिन विश्व कप में आते ही उनके पैरों का करंट गायब हो जाता है।
खराब इतिहास दोहरा रहे मेसी
मेसी की विश्व कप में खराब लय 2006 विश्व कप में शुरू हुई जो 2010 तक बरकरार रही, लेकिन 2014 में वह कुछ हद तक अपने प्रदर्शन को सुधारकर गोल्डन बॉल हासिल करने में सफल रहे थे। हालांकि, अब 2018 में वह अपने पुराने खराब इतिहास को दोहरा रहे हैं। मेसी जब राष्ट्रीय टीम के लिए मैदान पर खेलने उतरते हैं तो उनके साथ उम्मीदों का भार भी होना लाजिमी है, लेकिन दिग्गज खिलाड़ी भी तभी बना जाता है जब राष्ट्रीय टीम के लिए अहम मौकों पर जीत हासिल की जाए।
इस विश्व कप में भी फीका रहा है प्रदर्शन
2018 विश्व कप में मेसी ग्रुप चरण के तीन मैच खेल चुके हैं। इसमें नाइजीरिया के खिलाफ आखिरी मुकाबले में उन्होंने बमुश्किल एक गोल किया जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी और पुर्तगाली कप्तान क्रिस्टियानो रोनाल्डो चार गोल कर चुके हैं। यही कारण था कि अर्जेंटीनी टीम बमुश्किल नॉकआउट में पहुंची। इतना ही नहीं वह पहले मैच में एक पेनाल्टी और चार फ्री किक पर गोल नहीं दाग पाए, जबकि उन्हें फ्री किक पर गोल करने का मास्टर कहा जाता है। फिर तीसरे मैच में भी वह फ्री किक पर गोल नहीं कर पाए। भला हो मार्कोस रोजो का जिन्होंने नाइजीरिया के खिलाफ अंतिम समय में गोल कर अर्जेंटीना को नॉकआउट का टिकट दिलाया और साथ ही अपने कप्तान को जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी दी, क्योंकि उनकी कप्तानी में टीम का ग्रुप चरण से ही घर वापसी का टिकट लगभग पक्का हो गया था।
पहली बार गुजरा ऐसे हालात से
नाइजीरिया के खिलाफ मैच जीतने के बाद मेसी ने भी माना कि वह कभी भी इससे पहले इस तरह के हालात से नहीं गुजरे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने इतने दबाव वाले हालात का सामना किया। मैं इस खुशी के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं। मैं आप सभी को शुक्रिया कहता हूं जो हर मैच में पागलपन के साथ हमें सपोर्ट करते हैं। अच्छा और बुरा जैसा भी हो, अर्जेंटीनी होने से बेहतर कुछ भी नहीं है। हमारी पूरी टीम अच्छी है और इसमें शीर्ष खिलाड़ी हैं। मैं अपने खिलाडि़यों को अच्छे से जानता हूं।
मेसी का ताबीज टोटका
मेसी के इस विश्व कप में खराब दौर से गुजरने पर उनकी मां सेलिया मारिया ने उनके साथ डटकर खड़ी हैं। नाइजीरिया के खिलाफ मैच से पहले उनकी मां ने कहा था कि मेरा बेटा देश के लिए खेल रहा है और उसके लिए देश पहले है। वह अच्छा करने की कोशिश कर रहा है। इस मैच में एक बार फिर मेसी का साथ उनकी मां ने ही दिया, क्योंकि मां ने उन्हें इस महत्वपूर्ण मैच को जीतने के लिए एक ताबीज दिया, जिसे उन्होंने अपनी जुराब के अंदर रखा था। मैच खत्म होने के बाद मेसी मैदान से बाहर गए और ताबीज निकाला फिर मैदान पर आकर साथी खिलाडि़यों के साथ जश्न मनाया।
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मेसी से जुड़े रोचक तथ्य
-2005 में अर्जेटीना के लिए पदार्पण करने वाले मेसी ने राष्ट्रीय टीम के लिए 127 मैच खेलते हुए 65 गोल किए हैं।
-03 अलग-अलग विश्व कप में गोल करने वाले अर्जेटीना के तीसरे खिलाड़ी बने लियोन मेसी (2006, 2014, 2018)। इस सूची में उनके साथ गेब्रियल बतिस्तुता (1994, 1998, 2002) और डिएगो मेराडोना (1982, 1986, 1994) हैं।
-660 मिनट बाद विश्व कप में मेसी ने इस मैच में गोल मारा। 2014 में नाइजीरिया के बाद इस गोल को करने में उन्हें इतना लंबा समय लगा।
-06 गोल अर्जेटीनी कप्तान मेसी विश्व कप में कर चुके हैं। उन्होंने 2006 में एक, 2014 में चार और 2018 में एक गोल किया।