जानिए इन दिग्गजों का सफर जिनके दम पर ये टीमें पहुंची फीफा विश्वकप 2018 के फाइनल में
फाइनल में पहुंची दोनों टीम के कोच की कहानी जो आज अपनी-अपनी टीमों को फीफा विश्वकप जीताने के मुहाने पर खड़े हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। पिछले महीने की 14 तारीख से 32 टीमों के साथ शुरू हुआ फीफा विश्व कप का रोमांच के चरम पर है। अब रविवार को फ्रांस और क्रोएशिया के बीच लुज्निकी स्टेडियम में खिताबी मुकाबला खेला जाएगा। इस मुकाबले में पहुंचने वाली दोनों टीमों के कोच भी अपनी-अपनी टीमों को लेकर बहुत उत्साहित हैं।अगर क्रोएशिया यह खिताब जीत लेता है तो उसके लिए खेल इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल होगी । वहीं पूर्व चैंपियन फ्रांस इस महाभिड़ंत में इतिहास दोहराने के लिए तैयार है। आपको बताते हैं इन दोनों टीम के कोच की कहानी जो आज अपनी-अपनी टीमों को फीफा विश्वकप जीताने के मुहाने पर खड़े हैं।
ज्लाटिको डालिक
बेहद शांत दिखने वाले ज्लाटिको डालिक को जब 2017 में एंटी कासिक की जगह क्रोएशियाई टीम का कोच बनाया गया था तब उनके सामने शर्त रखी गई थी कि उनका भविष्य टीम के विश्व कप 2018 के लिए क्वालीफाई करने या ना करने पर ही निर्भर करेगा। क्रोएशिया ने विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया और डालिक को आखिरकार 2020 तक के लिए क्रोएशिया का कोच बनाया गया। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही शांत दिखने वाले डालिक अपने तीखे रवैये की वजह से चर्चा में आ गए थे। अपने पहले मुकाबले में क्रोएशिया ने नाइजीरिया के खिलाफ 2-0 की जीत हासिल की थी। उस मुकाबले के दौैरान क्रोएशियाई खिलाड़ी नोकोला कालिनिक ने स्थानापन्न बनने से इन्कार कर दिया था जिसके बाद डालिक ने उन्हें टीम से बाहर करते हुए स्वदेश भेज दिया था। डालिक का जन्म बोस्निया एंड हर्जगोविना में हुआ था लेकिन बाद में वह क्रोएशिया में आकर बस गए और उन्हें वहां की नागरिकता मिली।
दिदिएर डेसचैंप्स
फ्रांस की टीम इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ी है और उसके कोच दिदिएर डेसचैंप्स भी। डेसचैंप्स फ्रांस के पास विश्व कप में खेलने का भी सुखद अनुभव है। 1998 में जब फ्रांस ने विश्व कप खिताब जीता था तब डेसचैंप्स फ्रांसीसी टीम के कप्तान थे और फिर 2000 यूरोपीयन चैंपियनशिप में भी उन्होंने फ्रांस को अपनी कप्तानी में खिताबी जीत दिलाई। फिलहाल बतौर कोच डेसचैंप्स अपनी टीम को चैंपियन बनाने की दहलीज पर हैं। अगर वह अपनी कोचिंग में फ्रांस को चैंपियन बनाते हैं तो वह एक खिलाड़ी और कोच के तौर पर विश्व कप जीतने वाले दुनिया के तीसरे शक्स बन जाएंगे। उनसे पहले यह कमाल ब्राजील के मारियो जागालो और जर्मनी के फ्रेंज बेकेनबाउर ने किया था।
मौजूदा विश्व कप में डेसचैंप्स ने कई साहसिक फैसले लिए हैं जो कि सटीक बैठे हैं। उन्होंने फ्रांस में टीम भावना पैदा की और टीम में माहौल एकदम पारिवारिक है। यहां तक कि उन्होंने खाते समय फ्रांस के खिलाडि़यों के मोबाइल के प्रयोग पर रोक लगा रखी है। 103 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में फ्रांस का प्रतिनिधित्व करने के बाद 2012 में उन्हें राष्ट्रीय टीम का कोच बनाया गया था। पिछले छह वर्षो में डेसचैंप्स की देखरेख में फ्रांस की टीम ने 82 में से 52 मुकाबले जीते हैं।
27 की उम्र में बड़ा कमाल
कौन जानता था कि 27 साल पहले जिस यूरोप के एक छोटे से देश का जन्म हुआ था, वह आज विश्व कप का फाइनल खेलने उतरेगा। यूगोस्लाविया से 1991 में आजाद हुआ क्रोएशिया विश्व कप के फाइनल में है और उसके कई संपन्न पड़ोसी देश उसकी सफलता पर हाथ मल रहे हैं। क्रोएशिया की आबादी करीब 40 लाख है। 1950 में उरुग्वे के बाद 68 साल बाद कोई इतना छोटा देश विश्व कप फाइनल में पहुंचा है। यह देश मध्य और दक्षिण पूर्व यूरोप के बीचों-बीच और एड्रियाटिक सागर के करीब बसा है जो कि 56 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला है। क्रोएशिया की अर्थव्यवस्था इंडस्ट्री और खेती पर आधारित है। इस देश की कमाई का बड़ा हिस्सा पर्यटन भी है जिसे दुनिया के शीर्ष-20 खूबसूरत पर्यटन स्थलों में भी गिना जाता है। क्रोएशिया दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां धूम्रपान करना प्रतिबंधित है।
संभावित टीम
फ्रांस : गोलकीपर : लॉरिस (1)। डिफेंडर : पावर्ड (2), वराने (4), उमिती (5), हर्नाडेज (21)। मिडफील्डर : कांटे (13), पोग्बा (6), फेकिर (18)। स्ट्राइकर : ग्रीजमैन (7), एमबापे (10), डेंबले (11)
कोच : दिदिएर डेसचैंप्स
क्रोएशिया :
गोलकीपर : सुबासिक (23)
डिफेंडर : वर्सलजको (2), लोवरेन (6), विडा (21), स्टि्रनिक (3), मिडफील्डर : पेरिसिक (4), रेकेटिक (7), ब्रोजोविक (11), मॉड्रिक (10), स्ट्राइकर : रेबिक (18), मांड्ज्यूकिक (17)
कोच-ज्लाटिको डालिक