भारतीय महिला फुटबॉलर चाय बेचने को मजबूर
कल्पना ने कहा, ‘सीनियर राष्ट्रीय टीम के लिए ट्रायल के लिए मुझे बुलाया गया था, लेकिन आर्थिक दिक्कतों के कारण मैं नहीं गई।’
नई दिल्ली, जेएनएन। 10 साल पहले देश का प्रतिनिधित्व करने वाली एक महिला फुटबॉलर आर्थिक तंगी के कारण यहां सड़क पर चाय बेचने को मजबूर है। 26 साल की कल्पना रॉय अभी भी 30 लड़कों को दिन में दो बार प्रशिक्षण देती हैं। उनका सपना एक बार फिर देश के लिए खेलने का है। कल्पना को 2013 में भारतीय फुटबॉल संघ द्वारा आयोजित महिला लीग के दौरान दायें पैर में चोट लगी थी।
कल्पना ने कहा, ‘मुझे इससे उबरने में एक साल लगा। मुझे किसी से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली। इसके अलावा तब से मैं चाय का ठेला लगा रही हूं।’ कल्पना के पिता चाय का ठेला लगाते थे, लेकिन अब वह बढ़ती उम्र की बीमारियों से परेशान हैं।
कल्पना ने कहा, ‘सीनियर राष्ट्रीय टीम के लिए ट्रायल के लिए मुझे बुलाया गया था, लेकिन आर्थिक दिक्कतों के कारण मैं नहीं गई।’ कल्पना ने 2008 में अंडर-19 फुटबॉलर के तौर चार अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। अब वह 30 लड़कों को कोचिंग देती हैं। वह चार बजे दुकान बंद करके दो घंटे अभ्यास कराती हैं और फिर दुकान खोलती हैं।