अफगानिस्तान में महिला फुटबॉल टीम के यौन उत्पीड़न की होगी जांच
अफगानिस्तान इन दिनों राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टीम की सदस्यों के यौन उत्पीड़न की खबरों से सकते में है।
काबुल, एएफपी। लंबे समय से युद्धग्रस्त अफगानिस्तान इन दिनों राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टीम की सदस्यों के यौन उत्पीड़न की खबरों से सकते में है। इन आरोपों को शर्मनाक बताते हुए राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मामले की जांच का आदेश दिया है। कुछ दिन पहले एक अखबार ने अपनी रिपोर्ट में महिला टीम के पुरुष अधिकारियों और देश के फुटबॉल फेडरेशन के प्रमुख पर खिलाडि़यों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
यौन उत्पीड़न को गंभीर आरोप बताते हुए गनी ने कहा, 'किसी भी महिला या पुरुष खिलाड़ी के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैंने अटॉर्नी जनरल से मामले की व्यापक जांच करने को कहा है। इन आरोपों के चलते लोग अपने बच्चों को खेल में भेजने से कतरा सकते हैं। इस पर गंभीर कदम उठाने होंगे। बच्चों के साथ किसी तरह का उत्पीड़न सहा नहीं जाएगा। हम कानूनी तरीके से इन अपराधों से निपटेंगे।' राष्ट्रपति के आदेश के बाद अटॉर्नी जनरल कार्यालय ने जांच टीम गठित किए जाने की जानकारी दी।
हाल में गार्जियन अखबार ने अफगान टीम की पूर्व कप्तान खालिदा पोपल के हवाले से कहा था कि अफगानिस्तान फुटबॉल फेडरेशन (एएफएफ) के मुख्यालय के साथ ही पिछले साल फरवरी में जॉर्डन में लगे ट्रेनिंग कैंप में भी खिलाडि़यों के साथ जबरदस्ती की गई। एएफएफ के महासचिव सैयद अली रजा अकाजदा ने इन आरोपों को झूठा बताया है। लेकिन अफगानिस्तान ओलंपिक कमिटी के अध्यक्ष हफीजुल्ला वली रहीमी का कहना है कि आरोप नए नहीं हैं। इन आरोपों के बीच डेनमार्क की स्पोर्ट्स कंपनी हुमेल ने टीम की स्पांसरशिप रद कर दी है। फीफा ने भी आरोपों की जांच करने की बात कही है।